सीहोर में शासकीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव, जानिए कैसे…
- कलेक्टर अंदर कर्मचारी संघों की समस्याओं को सुन रहे थे, बाहर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं कर रही थीं प्रदर्शन
Sumit Sharma
सीहोर। जिले में शासकीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। कर्मचारियों को अलग-अलग चश्मों से देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि एक तरफ कलेक्टर बालागुरू के. अंदर जिला स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक में कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों के साथ उनकी समस्याओं पर चर्चा कर रहे थे और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उसी दौरान जिलेभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, सहायिकाएं बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही थीं। वे गुहार लगा रही थीं कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए। इसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा है। कलेक्टर ने सुनी कर्मचारी संघों की समस्याएं, दिए अधिकारियों को निर्देश- कलेक्टर बालागुरू के. की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें कलेक्टर बालागुरू के. ने उपस्थित विभिन्न कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों से कर्मचारियों के हित में अनेक बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। कलेक्टर ने सभी विभाग के कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों से उनकी मांग एवं समस्याओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की और कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में अनेक संघों के पदाधिकारियों ने जिले में कार्यरत कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची, क्रमोन्नति, समयमान, वेतनमान, लंबित एरियर्स की मांग, सेवा पुस्तिका का समय पर संधारण, सेवानिवृति उपरान्त शीघ्र स्वत्वों का भुगतान सहित अपनी अन्य मांगें रखी। कलेक्टर ने कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की सभी मांग, समस्याओं एवं शिकायतों को गंभीरता से सुना और निराकरण के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी विभाग के अधिकारियों को लंबित एरियर्स के प्रकरण को नियमानुसार कार्रवाई कर समयावधि में निराकरण करने के निर्देश दिए। साथ ही जिस विभाग में अनुकंपा नियुक्ति संबंधी प्रकरण के आवेदन लंबित हैं उन्हें भी प्राथमिकता के साथ निराकरण करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने सभी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों को शिकायतों एवं समस्याओं के निराकरण के लिए आश्वस्त किया तथा संबंधित विभागों को समय अवधि में कर्मचारियों के मांग को आवश्यक कार्यवाही कर निराकरण करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह, डिप्टी कलेक्टर स्वाति मिश्रा, अजाक्स के संभागीय अध्यक्ष बंशीलाल धनवाल, मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के सीहोर जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह ठाकुर, लिपिक वर्ग मध्यप्रदेश के सीहोर जिलाध्यक्ष दिग्विजय सिंह, वन विभाग अध्यक्ष चेतन कुमार आर्य, अपाक्स अध्यक्ष कमल कीर, आजाद अध्यापक संघ जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रांतीय शिक्षक संघ संजय सक्सेना सहित अनेक अधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। ये हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं की मांगें- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की मांग है कि देश में महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को एक नीति बनाकर सभी राज्यों में नियमित किया जाए। बहनों को एक न्यूनतम पेंशन दें। कम से कम 10 वर्ष का अनुभव रखने वाली सभी अहर्ताएं पूर्ण करने पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति दी जाए। कार्यकर्ता, सहायिका को विभाग के कार्यों के अतिरिक्त किसी भी कार्य में न लगाया जाए। सभी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को किसी अन्य विभागों की नियुक्ति परीक्षा में भी अतिरिक्त अंक दिए जाएं। महिलाओं और बच्चों को रूचिकर पोष्टिक आहार दिया जाए। पोषण ट्रेकर ऐप में फेस केप्चर में नेटवर्क की समस्या को समाप्त किया जाए। विभाग से मिले मोबाइल अच्छी मेमोरी के नहीं है रिचार्ज कराना पड़ता है और नेट पैक भी डलवाना पढ़ता है, इसका भी पैसा दिया जाए। मोबाइल खरीदने के लिए कार्यकर्ता और सहायिका के खाते में राशि उपलब्ध कराई जाए और कार्यकर्ता व सहायिका को सेवानिवृत्त होने या सेवाकाल में मृत्यु होने पर राशि परिवारजनों को दिए जाने सहित कई अन्य मांगे हैं।