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सत्ता-संगठन और सरकार की योजनाओं से भी मोहभंग, अब आदिवासियों ने थामा कांग्रेस का हाथ

कांग्रेस के युवा नेता अर्जुन शर्मा निक्की के नेतृत्व में भोपाल पहुंचे, पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दिलाई पार्टी की सदस्यता

सुमित शर्मा, सीहोर
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सीहोर जिले में सत्ता-संगठन के साथ ही सरकारी योजनाएं भी आदिवासियों को रिझाने में असफल साबित हो रही है। यही कारण है कि आदिवासी लगातार ऐसे कदम उठा रहे हैं, जो भाजपा के लिए चिंताजनक है। पहले बुदनी विधानसभा में आदिवासियों ने धर्म परिवर्तन करके ईसाई धर्म अपनाया तो अब वे कांग्रेस में शामिल हो गए। बुदनी विधानसभा के 300 से अधिक आदिवासियों ने कांग्रेस के युवा नेता अर्जुन शर्मा निक्की के नेतृत्व में भोपाल पहुंचकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ ने उन्हें जहां कांग्रेस की सदस्यता दिलाई तो वहीं संबोधित करते हुए उन्हें कांग्रेस की रीति-नीति के बारे में भी बताया।
भाजपा के दिग्गज नेताओं के गढ़ में सेंधमारी-
सीहोर जिले के बुदनी विधानसभा क्षेत्र में यूं तो भाजपा के कई दिग्गज एवं कद्दावर सहित कई वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं, लेकिन इन नेताओं के गढ़ में भी कांग्रेस आदिवासियों में सेंध लगाने में सफल हो गई। भाजपा की वरिष्ठ महिला नेत्री निर्मला बारेला, जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष पद का दायित्व भी सौंपा है, उनके गृह गांव से ही करीब 50 आदिवासी कांग्रेस में शामिल होने के भोपाल पहुंचे। इसके अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष रवि मालवीय के गृह गांव गोपालपुर के आसपास के गांवों सहित भाजपा के चकल्दी मंडल के गांवों के आदिवासी बड़ी संख्या में कांग्रेस में शामिल हुए। चकल्दी के आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में आदिवासी रहते हैं, लेकिन इन आदिवासियों ने भाजपा नेताओं को लेकर रोष व्याप्त है। भाजपा के चकल्दी मंडल के पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली के कारण ये आदिवासी नाराज हैं और यही कारण है कि उनकी नाराजगी अब जग-जाहिर भी हो रही है।
नहीं मिल रहा लाभ तो बदल रहे धर्म-
बुदनी विधानसभा के आदिवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है। इसके कारण ये लोग अपना धर्म परिवर्तन करके ईसाई बन रहे हैं। उनका साफ तौर पर कहना है कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्हें ईसाई बनकर कई लाभ मिले हैं। ये स्थिति निश्चित तौर पर भाजपा के लिए बेहद चिंताजनक होनी चाहिए, लेकिन स्थानीय भाजपा नेताओं की कार्यप्रणाली कहीं न कहीं कटघरे में है। आदिवासियों का कहना है कि उनके गांव तक कोई भाजपा नेता भी नहीं पहुंचा है।
कांग्रेस का बड़ा दांव –
चुनावी साल में कांग्रेस जहां संगठन को मजबूत करने के लिए सभी जिलों में जिला अध्यक्ष सहित ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति कर रही है तो वही कार्यकर्ताओं को भी अपने पाले में ला रही है। यह बता दें कि बुधनी विधानसभा में आदिवासियों का बड़ा वोट बैंक है। इन आदिवासियों को रिझाने के लिए जहां सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं तो वहीं अब कांग्रेस ने भी आदिवासियों पर डोरे डाले हैं। इसे कांग्रेस का बड़ा दांव भी माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस भाजपा को ऐसे कई झटके देने की तैयारी में है। इस दौरान पीसीसी चीफ कमलनाथ, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, सीहोर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष बलवीर सिंह तोमर, सीहोर जिला कांग्रेस के प्रवक्ता केशव चौहान, पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, भोपाल शहर के कार्यवाहक अध्यक्ष राजकुमार भाई, पूर्व कार्यवाहक ब्लॉक अध्यक्ष शाहगंज सतीश शर्मा, सचिन दुबे, शाहगंज किसान कांग्रेस के प्रदेश सचिव दुष्यंत मालवीय, सलकनपुर के पूर्व सरपंच विपत सिंह उईके सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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