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नशे की लत कर रही है युवाओं को मानसिक रोग का शिकार

सीहोर जिले में लगातार बढ़ रही है मानसिक रोगियों की संख्या

सीहोर। नशे की मंडी बनता जा रहा सीहोर जिला युवाओं के लिए मानसिक रोग का कारण भी बन रहा है। सीहोर जिले में लगातार मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक अध्ययन में सामने आया है कि सीहोर जिले में 18 से 45 साल तक के युवाओं, लोगों में मानसिक रोग के लक्षण सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। दरअसल सीहोर जिले में युवाओं को जमकर नशा परोस कर इसका आदि बनाया जा रहा है।
गांजा एवं सूखा नशा बन रहा है मानसिक रोग का कारण-
सीहोर जिले में जहां युवाओं में शराब पीने की लत है तो वहीं गांजा एवं अन्य प्रकार का सूखा नशा भी जमकर युवाओं के बीच में प्रचलित है। युवाओं में मानसिक रोग का सबसे बड़ा कारण गांजे का आदी होना एवं सूखा नशा ही है। सीहोर जिले में गांजे का कारोबार भी जमकर संचालित होता है। सीहोर जिले की बुधनी एवं रेहटी तहसील में यह गांजे का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर संचालित हो रहा है। इसमें युवाओं को जमकर नशे का आदि बनाया जा रहा है।
सीहोर में है राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान-
सीहोर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान भी है, जो मानसिक रोगियों के इलाज के साथ ही उनकी।कॉउंसलिगिंग भी करती है। इसके अलावा संस्थान में कई कोर्स भी संचालित किए जाते हैं। सीहोर के अलावा ग्वालियर एवं इंदौर में भी इसके कार्यालय हैं।
जिला स्‍तरीय रैली एवं जागरूकता कार्यक्रम-
विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस के अवसर पर राष्‍ट्रीय मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पुनर्वास संस्‍थान (एनआईएमएचआर) द्वारा जिला स्‍तरीय रैली एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिला स्‍तरीय रैली का शुभारंभ विधायक सुदेश राय हरी झण्‍डी दिखाकर करेंगे। जागरूकता रैली प्रात: 9 बजे तहसील चौराहे से प्रारंभ होकर शासकीय चन्‍द्रशेखर आजाद महाविद्यालय पर समाप्‍त होगी।
निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगेगा-
सीहोर स्थित जिला चिकित्सालय में 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मानसिक रोग चिकित्सा परीक्षण, जांच, उपचार एवं दवा वितरण के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर दोपहर 12 बजे से आयोजित किया जाएगा। अनिद्रा, तनाव, भूलने की आदत, नशे की प्रवृति, शक, वहम, स्वयं से बात करना, अकेले में हसना, जरूरत से ज्यादा बात करना, गुस्सा ज्यादा आना, घबराहट होना, बेचैनी पैदा होना, पढाई-लिखाई में कमजोर लक्षणों वाले महिला, पुरूष एवं बच्चे शिविर में आकर जांच कराए एवं आवश्यक दवाइयां निःशुल्क प्राप्त करें।

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