सनातन धर्म को बांटने की हो रही कोशिश, एकजुट होना जरूरी: ृपंडित प्रदीप मिश्रा

सीहोर। शहर की सिंधी कॉलोनी में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन आध्यात्मिक उत्साह अपने चरम पर रहा। सोमवार को कथा पंडाल में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने विशेष उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान उन्होंने धर्म प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में सनातन धर्म को जाति और धर्म के नाम पर बांटने के पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं, जिन्हें विफल करने के लिए हम सभी को एकजुट होने की नितांत आवश्यकता है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यास पीठ की गरिमा बताते हुए कहा कि व्यास गादी पर बैठने वाला किसी एक का नहीं बल्कि सर्वसमाज का होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शिव में कोई भेद नहीं है। दोनों की भक्ति एक ही परम सत्ता की ओर ले जाती है। पंडित मिश्रा ने इस अवसर पर मालवा की माटी के प्रसिद्ध संत गोविंद जाने का सम्मान किया और उनकी सादगीपूर्ण जीवनशैली व कथा वाचन की प्रशंसा की।
शिव भक्ति की अलख से गुलजार हुए मंदिर
कथा वाचक संत गोविंद जाने ने पंडित प्रदीप मिश्रा के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में शिव भक्ति की जो लहर उठी है, उसका श्रेय पंडित मिश्रा को जाता है। उनके प्रयासों से आज सूने पड़े शिवालयों में मंत्रोच्चार और अभिषेक की गूंज सुनाई दे रही है। उन्होंने कहा कि पंडित जी ने मात्र कुछ शब्दों में गागर में सागर भरते हुए नई पीढ़ी को धर्म से जोड़ा है।

प्रेम के वश में होते हैं भगवान
छठे दिन की कथा में उद्धव प्रसंग का विस्तार से वर्णन करते हुए संत गोविंद जाने ने कहा कि परमात्मा न धन देखते हैं और न ही बलय वे तो केवल भक्त के प्रेम के भूखे हैं। उन्होंने श्रोताओं को दिखावे की भक्ति से बचने और निस्वार्थ भाव से हरि सुमिरन करने की सीख दी। उन्होंने श्रीकृष्ण के जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि संघर्षों के बीच भी मुस्कुराना और दूसरों की मदद करना ही सच्चा जीवन है। इस दौरान प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

आज समापन और कलश यात्रा
आज मंगलवार को इस भव्य भागवत कथा का विधिवत समापन होगा। समापन के अवसर पर दोपहर में शहर में एक ऐतिहासिक कलश यात्रा निकाली जाएगी। आयोजन समिति ने सभी धर्मप्रेमियों से इस पुनीत अवसर पर शामिल होकर पुण्य लाभ कमाने की अपील की है।

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