
रेहटी। सीहोर जिलेभर सहित रेहटी तहसील के सहकारी समिति (पैक्स) कर्मचारियों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। सहकारी समिति के कर्मचारी लंबे समय से सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है। इस बार वे भी आर-पार के मूड में हैं और उन्होंने हड़ताल भी शुरू कर दी है। अब प्रदेशभर के सहकारी समिति (पैक्स) कर्मचारी 22 अगस्त को भोपाल में एकत्रित होंगे और प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले जिलेभर के कर्मचारियों ने मध्यप्रदेश सहकारी संस्थाएं कर्मचारी महासंघ मध्यप्रदेश के बैनर तले एक पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया, खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह सहित इन विभागों के अधिकारियों को भी सौंपा था। इसमें विभिन्न मांगों पर विचार करने का अनुरोध किया था। शासन, प्रशासन स्तर से कोई भी पहल नहीं होने के बाद इन कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है।
हड़ताल से हो रहा कामकाज प्रभावित-
सहकारी समिति (पैक्स) कर्मचारियों की हड़ताल से कई कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित होने वाला खाद्यान्न वितरण का कार्य भी प्रभावित होने लगा है तो वहीं किसानों से संबंधित कार्य भी बाधित हो रहे हैं। रेहटी में जिला सहकारी बैंक के सामने सहकारी समिति के कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। इस दौरान तहसीलभर के कर्मचारी एकत्रित होकर नारेबाजी कर रहे हैं तो वहीं सरकार से मांग पूरी करने की अपील भी कर रहे हैं। हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों में प्रभारी संस्था प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, लिपिक, विक्रेता, कम्प्यूटर आॅपरेटर, कनिष्ठ विक्रेता, भृत्य एवं चौकीदार हैं।
वर्षों से लंबित हैं इनकी मांगे-
लंबे समय से सहकारी समिति के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुजारिश कर रहे हैं। इसके लिए कई बार धरना-प्रदर्शन आंदोलन भी हुए, लेकिन अब तक इन कर्मचारियों की मांगों पर अमल नहीं किया गया। हर बार इन्हें आश्वासन ही मिलता रहा। इस बार ये कर्मचारी सरकार से आर-पार के मूड में हैं और इसके लिए प्रदेशभर के सभी कर्मचारी 22 अगस्त को भोपाल में जमा हो रहे हैं। इस दौरान वे वहां पर सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आंदोलन भी करेंगे।
ये हैं इन कर्मचारियों की प्रमुख मांगे-
– कोरोना काल में वितरित आॅफ लाइन खाद्यान का सुधार न करते हुए कार्यवाही और राशि जमा कराना को तत्काल रोका जाए और इसका निराकरण किया जाए।
– केडर भर्ती प्रक्रिया में आदेश के बावजूद जिला बैंकों द्वारा त्रुटिपूर्ण सूची जारी करना और इसमें सुधार करना सुनिश्चित किया जाए।
– संस्थाओं के समस्त कर्मचारियों को नियमित वेतनमान लागू करना।
– विक्रेताओं और कनिष्ठ विक्रेताओं को समान काम और समान वेतन का नियम लागू करना।
इनका कहना है-
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से कामकाज तो प्रभावित होगा। इस संबंध में निर्णय शासन स्तर पर लिया जाना है। फिलहाल ये कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
पीएन यादव, सीईओ, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, जिला सीहोर