भगवान महावीर के जीवन से सबको सीखना चाहिए: जसपाल सिंह अरोरा

सीहोर में निकला भव्य रूप से जैन समाज का चल समारोह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता भी हुए शामिल, की पूजा-अर्चना

सीहोर। भगवान महावीर का सबसे बड़ा उपदेश और सिद्धांत अहिंसा ही था। उनका पूरा जीवन इसी सिद्धांत पर आधारित रहा। आज हम सभी को उनके जीवन से सीखने की जरूरत है। भगवान महावीर ने कहा था कि अपने मन, वचन और कर्म से हिंसा नहीं करनी चाहिए। अहिंसा ही परम ब्रह्म है, अहिंसा ही सुख-शांति देने वाली है। ये बातें भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने कही। वे भगवान महावीर जयंती के अवसर पर जैन समाज द्वारा निकाले गए चल समारोह में शामिल हुए एवं भगवान महावीर की पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों के साथ चल समारोह पर फूल भी बरसाए। चल समारोह छावनी स्थित जैन मंदिर से शुरू होकर बाजार, नमक चौराहा सहित अन्य मार्गों से होते हुए वापस छावनी जैन मंदिर पहुंचा। यहां पर भगवान महावीर का अभिषेक एवं पूजा-अर्चना की गई।
वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने कहा कि भगवान महावीर ने अहिंसा का सूत्र दिया था और कहा था कि यदि व्यक्ति अपनी गलतियों पर नियंत्रण करें तो उसका जीवन बेहतर हो सकता है। अगर वह अपनी गलतियों पर नियंत्रण पा ले तो उसे सच्चे सुख की प्राप्ति हो सकती है। अनजाने में गलती होती है तो उसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए। श्री अरोरा न कहा कि भगवान महावीर ने कहा था कि व्यक्ति को हर जीवित प्राणी के प्रति दयाभाव रखना चाहिए। जैन समाज के महिला, पुरूष और युवा आज भी भगवान महावीर के दिए गए उपदेश और सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारकर अपने जीवन को धन्य बना रहे हैं। हम सभी को भी भगवान महावीर के उपदेशों और सिद्धांतों को जीवन में उतारना चाहिए, तभी हमारा जीवन भी सच्चे अर्थों में सफल होगा।
जैन समाज ने निकाला भव्य चल समारोह-
विश्व को अंहिसा का संदेश देने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर जयंती के अवसर पर जैन समाज द्वारा भव्य चल समारोह निकाला गया। चल समारोह की शुरूआत श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर छावनी से प्रारंभ हुई, जिसमें विशेष रथ में स्वर्ण रूपी विमान पर भगवान महावीर की प्रतिमा को विराजमान कर पुरुष सफेद वस्त्र तथा महिलाएं केसरिया वस्त्र परिधान में भगवान महावीर के संदेश से परिपूर्ण गगन भेदी जय घोष के साथ चल रहे थे। इस दौरान भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा की अनेक स्थानों पर पूजा-अर्चना एवं आरती की गई। चल समारोह का कई स्थानों पर नगर के सामाजिक संगठनों सहित जनप्रतिनिधियों ने भी स्वागत, सत्कार करते हुए पुष्प वर्षा की। दिगम्बर जैन पंचायत कमेटी के अध्यक्ष अजय जैन ने धर्म सभा में विस्तार से समाज के नव निर्माणाधीन संत भवन के बारे में प्रकाश डाला। महामंत्री अशोक जैन, उपाध्यक्ष देवचंद जैन, विमल जैन ने बताया कि शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर छावनी पहुंची। यहां पर श्रावक-श्राविकाओं ने भगवान महावीर की प्रतिमा का श्रीजी के अभिषेक, शांति धारा, नित्य, नियम पूजा अर्चना कर धर्म लाभ अर्जित किया। शोभायात्रा में प्रतीक के रूप में माता-पिता बनने का सौभाग्य समाज के वरिष्ठ जैनपाल जैन श्रीमती भगवती जैन को प्राप्त हुआ, वहीं रथ सारथी प्रेमचंद, पंकज कुमार तथा सोधर्म इंद्र दीपक प्रेमीलाल गुदरी परिवार, ईशान इंद्र पारस कुमार, महाआरती करने का सौभाग्य विमल जैन, सुनील जैन, विशाल, विजय टोनी, शिवांग अरनव जैन लिलेहरिया परिवार को प्राप्त हुआ। शांतिधारा प्रदीप कुमार, दीपक कुमार जैन लिलेहरिया, बदामीलाल, जितेंद्र, महावीर, निश्चल, आनंद जैन लिलेहरिया परिवार ने किया। समाज के वरिष्ठ विमल जैन ने बताया कि भगवान महावीर का 2633वें जन्म कल्याणक महोत्सव के पावन अवसर पर सकल जैन समाज ने भक्ति भाव से ओतप्रोत होकर भगवान महावीर स्वामी प्रतिमा की विशेष पूजा अर्चना, धार्मिक अनुष्ठान कर भव्य रूप में जन्मोत्सव मनाया।