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नकली नोट के आरोपियों को साश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया

आष्टा। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधिश कंचन सक्सेना आष्टा के न्यायालय द्वारा आरोपी हितेन्द्र उर्फ बबुल गुर्जर निवासी तुलजाबिहार कालोनी देवास को भादवी की धारा 489क, एवं 489ग के तहत पांच वर्ष का साश्रम कारावास एवं 4500 रूपयें के अर्थदंड एवं आरोपीगण राहुल पिता हिदुंसिंह राजपूत निवासी लंगापुरा आष्टा, सुरेन्द्रसिंह , राजेन्द्र सिंह पिता चैनसिंह सेंधव निवासी लसुडलियापार, पंकज पिता गोर्वधन बामनिया निवासी कजलास को भादवि की धारा 489ग में दोषी पाते हुए चार-चार वर्ष का साश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रूपयें के अर्थदंड से दंडित किया गया।
अपरलोक अभियोजक विजेन्द्रसिंह ठाकुर के बताए अनुसार घटना दिनांक 30 जुन 2020 को धर्मेन्द्र पिता चम्पालाल वर्मा निवासी हर्राजखेडी द्वारा एक लिखित रिर्पोट थाना आष्टा में दी, जिसमें बताया कि आज से 4 वर्ष पहले सुरेन्द्र पिता रंजीतसिंह सेंधव निवासी बडलिया को लोन पास कराने के लिए 8 हजार रूपयें दिए थे, जब लोन पास नही करा पाया तो मैं सुरेन्द्र से पैसे मांग रहा था, सुरेन्द्र पैसे देने में आनाकानी कर रहा था। दिनांक 30 जुन 2020 को राहुल पिता हिदुंसिंह निवासी लंगापुरा आष्टा ने मुझे शाम करिब 4ः30 बजें फोन कर बताया कि तुम्हारे पैसे जो सुरेन्द्र से लेना है, आष्टा तहसील कार्यालय भरत की चाय की दुकान के पास आकर लेलो, वहा मुझे देकर गया है। मैं जब वहा पहुंचा तो रहुल ने मुझे 50-50 के 100नोट कुल पांॅच हजार रूपयें की गडडी अभिषेक पिता देवकरण जायसवाल व मोहन पिता ज्ञानसिंह वर्मा निवासी हर्राजखेडी वाले के सामने दीं, जिनको लेकर मैं सोनानिया इलेक्ट्रानिक आष्टा पर सामान खरिदा, पर जब मैने दुकानदार राहुल को, दिए गये रूपयें मैं से लेकर कुछ रूपयें निकाल कर दिए तो दुकानदार ने बताया कि यह नोट असली नही नकली है। मैने ओर लोगो को भी बताया तो उन्होंने भी देखकर नकली होना ही बताया। इस प्रकार राहुल के द्वारा यह जानते हुए कि जो नोट उसने मुझको दिये है वही नकली नोट है, जिनको असली के रूप में उपयोग करने को दिए है। सुरेन्द्र द्वारा राहुल के माध्यम से मुझे पाच हजार रूपए के कुल 100 नोट मैं साथ लेकर आया हुं। रिर्पोट के साथ पुलिस को दिए। पुलिस आष्टा द्वारा भादवी की धारा 489क, 489ख में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान कर आरोपीगणो के खिलाफ अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन की ओर से साक्ष्य कराई गई। विचारण न्यायालय के सेशन न्यायाधिश श्री कंचन सक्सेना के द्वारा आरोपीगणो को दोषी पाते हुए साश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया। शासन की ओर से पेरवी अपर लोक अभियोजक विजेन्द्रसिंह ठाकुर द्वारा की गई।

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