ओवर ब्रिज निर्माण के खिलाफ आमरण अनशन 17 से

सीहोर। शहर के हाऊसिंगबोर्ड रेल्वे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज में कथित अनियमितताओं और मनमानी के खिलाफ स्थानीय निवासियों का गुस्सा अब चरम पर पहुंच गया है। हाऊसिंगबोर्ड कॉलोनी समेत आसपास की पांच कॉलोनियों के लगभग पांच हजार निवासियों ने ब्रिज कार्पोरेशन के खिलाफ विभिन्न धरना प्रदर्शन और आंदोलन किए हैं, लेकिन उनकी मुख्य मांगें पूरी नहीं हुई हैं।
नागरिकों का आरोप है कि ब्रिज कार्पोरेशन के अधिकारी स्वीकृत नक्शे के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि ब्रिज पर दोनों ओर सर्विस रोड नहीं दी जा रही है। नागरिकों का कहना है कि ओवर ब्रिज पर एक ही तरफ से चढऩा और एक ही तरफ से उतरना भविष्य में एक बड़ा दुर्घटना स्थल बनेगा, लेकिन यह खतरा प्रशासन या जनप्रतिनिधियों को दिखाई नहीं दे रहा है।
विधायक की चर्चा भी बेअसर
स्थानीय निवासियों की मांग को बल देने के लिए विधायक सुदेश राय भी मानव शृंखला आंदोलन के तहत स्वयं ब्रिज कार्पोरेशन के इंजीनियरों के साथ नागरिकों की समस्याओं पर चर्चा कर चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक समस्याओं का समाधान होता नहीं दिख रहा है, जिससे नागरिकों में भारी निराशा है।
आमरण अनशन का अल्टीमेटम
समस्याओं के समाधान में हो रही देरी से नाराज कॉलोनी के वरिष्ठ नागरिकों ने अब गांधीवादी तरीका अपनाने का निर्णय लिया है। मंगलवार को इन वरिष्ठ नागरिकों ने अनुविभागीय अधिकारी को आमरण अनशन की अनुमति के लिए पत्र सौंपा है। इसकी प्रतिलिपि कलेक्टर को जनसुनवाई में और थाना कोतवाली में भी दी गई है।
17 नवंबर से अनशन
वरिष्ठ नागरिकों ने शासन/प्रशासन को सात दिवस का समय दिया है। स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि इस समयावधि में उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है तो सोमवार 17 नवंबर को सुबह 10 बजे से आमरण अनशन शुरू कर दिया जाएगा।
आंदोलनकारियों की मुख्य मांगें
सर्विस रोड दोनों तरफ: कॉलोनी वासियों के निकलने के लिए सर्विस रोड दोनों तरफ से दी जाए।
सीमांकन: निर्माण स्थल के दोनों तरफ हाईवे का सीमांकन रेल्वे बाउण्ड्री से किया जाए।
नागरिकों ने प्रशासन से अपील की है कि वे पांच हजार लोगों की जान माल की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और अनशन शुरू होने से पहले इस समस्या का तत्काल निराकरण करें।

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