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सीहोर जिले में ठगे जा रहे अन्नदाता, सहकारी समितियों से दिया जा रहा अमानक खाद

- किसानों ने खेतों में दे दिया खाद, अब कृषि विभाग ने कराई जांच, किया प्रतिबंधित

सीहोर। एक तरफ अन्नदाता प्राकृतिक आपदाओं, महंगे खाद-बीज सहित फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण परेशान है तो वहीं अब वह सरकारी सिस्टम से भी ठगा जा रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि सहकारी समितियों द्वारा ही किसानों को अमानक खाद का वितरण किया जा रहा है। ऐसे में किसानों पर अब दोहरी मार पड़ रही है। किसानों को सीहोर जिले की सहकारी समितियों से यूरिया, डीएपी, सुपर सहित अन्य खादों का वितरण किया जाता है, लेकिन अब जांच में कई समितियों द्वारा दिया गया खाद अमानक पाया गया है। इसके बाद कृषि विभाग ने इन समितियों से खाद का वितरण प्रतिबंधित कर दिया है। हालांकि किसान पहले ही खाद उठाकर अपने खेतों में डाल चुके हैं और अब कृषि विभाग ने खाद को अमानक बताया है।
इन समितियों से वितरण हुआ प्रतिबंधित-
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा अमानक उर्वरकों के क्रय विक्रय तथा स्थानांतरण पर प्रतिबंध लगाया गया है। कृषि उप संचालक सीहोर केके पांडे ने जानकारी दी कि सीहोर विकासखंड के जमोनिया रोड स्थित उर्वरक विक्रय केन्द्र मेसर्स अमित कृषि सेवा केंद्र द्वारा टीएसपी अमानक उर्वरक तथा आष्टा विकासखंड के अलीपुर मेन रोड स्थित मेसर्स यशराज ट्रेडर्स द्वारा एनपीके अमानक उर्वरकों का व्यवसाय करने पर उनकी उर्वरक अनुज्ञप्ति को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सीहोर विकासखंड के ढाबला स्थित सेवा सहकारी समिति मर्यादित के डीएपी, बुधनी विकासखंड के मरदानपुर स्थित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित के टीएसपी तथा इछावर विकासखंड के अमलाहा स्थित प्राथमिक सेवा सहकारी समिति मर्यादित के एसएसपी उर्वरकों के नमूने विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे, जो विश्लेषण में अमानक पाए गए। इन अमानक घोषित सभी उर्वरकों के उपलब्ध स्कंध के क्रय-विक्रय को प्रतिबंधित किया गया है। इधर कृषि विभाग द्वारा बुधनी विकासखंड के डोबी स्थित मेसर्स मां पीताम्बरा ट्रेडर्स द्वारा अमानक कीटनाशक का व्यवसाय करने पर कीटनाशी अधिनियम 1968 उनकी कीटनाशक अनुज्ञप्ति को निलंबित कर दिया है तथा पौध संरक्षण औषधियों का क्रय-विक्रय एवं भंडारण भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
अन्य समितियों की भी हो जांच, तो सामने आएगी स्थिति-
कृषि विभाग द्वारा फिलहाल तो कुछ ही सहकारी समितियों के खाद के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए थे, जिनमें से ज्यादा समितियों का खाद अमानक स्तर का पाया गया है। यही खाद सीहोर जिले की अन्य सहकारी समितियों में भी भेजा गया था। ऐसे में अन्य सहकारी समितियों में उपलब्ध खाद के भी सेंपल जांच के लिए भेजे जाना चाहिए, ताकि स्थिति सामने आ सके। इसके अलावा बाजार में भी बड़ी मात्रा में अमानक खाद की बिक्री की जा रही है। कृषि विभाग को इन दुकानों के भी सेंपल लेना चाहिए।

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