वन विभाग की निरंकुशता से बढ़ रहे वन अपराध, पुलिस कर रही कार्रवाई

- आष्टा पुलिस ने हिरण के तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया, मांस, लाइसेंसी बंदूक व मोटरसाइकिल भी जप्त

सीहोर। जिले में वन विभाग की निरंकुशता जहां विभाग की किरकिरी करा रही है तो वहीं पुलिस विभाग के लिए भी परेशानी का कारण बनी हुई है। वन विभाग की निरंकुशता के चलते जहां लगातार जंगलों से लकड़ी की अवैध कटाई हो रही है तो वहीं वन प्राणियों के शिकार भी हो रहे हैं। ऐसा ही शिकार का मामला आष्टा में भी सामने आया है। यहां पर आष्टा पुलिस ने हिरण के तीन शिकारियों को पकड़कर उनके पास से मांस, अवशेष, लाइसेंसी बंदूक एवं मोटरसाइकिल जप्त की है।
जानकारी के अनुसार 16-17 मार्च की रात आष्टा पुलिस को सूचना मिली कि दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर हिरण का मांस ले जा रहे हैं। पुलिस ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आष्टा थाना प्रभारी गिरीश दुबे के नेतृत्व में पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की। पुलिस ने आरोलिया-सिद्दीगंज मार्ग पर घेराबंदी कर दो आरोपियों इरफान शेख निवासी जुम्मापुरा और कल्लू शाह निवासी लंगापुरा को पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने अपने तीसरे साथी बाबूलाल मालवीय निवासी सांगाखेड़ी के साथ मिलकर 12 बोर बंदूक से शिकार करने की बात कबूल की। पुलिस ने तीसरे आरोपी को भी पकड़ लिया। पुलिस ने मौके से हिरण का मांस, अवशेष, एक 12 बोर लाइसेंसी बंदूक, दो जिंदा कारतूस और एक मोटरसाइकिल जप्त की। जंगल बड़ली ग्राम देवनखेड़ी से हिरण के सिर, खाल व अन्य भौतिक साक्ष्य भी बरामद किए गए। आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 156/25, धारा 9, 31, 52 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही है। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से 1 दिन का पुलिस रिमांड दी गई। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक गिरीश दुबे, उनि चंद्रशेखर डिगा, दयाराम, हरिभज, विनोद परमार, अमन, शुभम, सोमपाल, चंदरसिंह, गेंदालाल की सराहनीय भूमिका रही।

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