वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप में 20 मिनट तक जेल में रहे। उन्हें फुल्टन काउंट पुलिस के सामने सरेंडर किया था। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और फुल्टन काउंटी जेल ले गई। उन्हें रिकॉर्ड में कैदी नंबर P01135809 के रूप में दर्ज किया है। इस मामले में 18 और लोगों को आरोपी ठहराया गया है।
ट्रम्प पर जालसाजी—धोखाधड़ी के आरोप
मीडिया रपटों के अनुसार, ट्रंप सहित सभी आरोपियों को एक आपराधिक संगठन बताया गया है और उन पर झूठे बयान देने, जालसाजी, गवाहों को प्रभावित करने, राज्य को धोखा देने की साजिश करने, चोरी और झूठी गवाही के चार्ज लगाए गए हैं। इनमें से सबसे गंभीर चार्ज रैकेटियर और करप्शन ऑर्गेनाइजेशन एक्ट के उल्लंघन का है, जिसमें ट्रम्प को 20 साल जेल की सजा भी हो सकती है।
कैदी की तरह खींची तस्वीर
ट्रम्प की आरोपी की तरह तस्वीर खींची गई। 20 मिनट बाद वो जेल से बाहर आ गए। इसी के साथ ट्रम्प अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिनका कैदियों की तरह मगशॉट लिया गया। ट्रम्प ने रिहाई के पहले शर्तों के साथ 2 लाख डॉलर का बॉन्ड भरा।
मैंने कुछ गलत नहीं किया
जेल से बाहर आने के बाद ट्रम्प ने पत्रकारों से कहा, ‘मैंने कुछ भी गलत नहीं किया।’ 2020 में राष्ट्रपति चुनाव के बाद ट्रम्प पर नतीजों को पलटने की कोशिश करने के आरोप लगे थे। 2 जनवरी 2021 को ट्रम्प और जॉर्जिया के इलेक्शन ऑफिसर ब्रैड रैफेंसपर्गर के बीच कॉल पर करीब एक घंटे बात हुई। व्हाइट हाउस के ऑफिस से यह कॉल 3 जनवरी दोपहर 2:41 पर की गई थी। ट्रम्प ने रैफेंसपर्गर से फोन पर कहा कि उन्हें वोटों की दोबारा गिनती करनी चाहिए, ताकि राज्य के 16 इलेक्टोरल वोट उनके हिस्से में आएं। कॉल रिकॉर्डिंग वॉशिंगटन पोस्ट ने सबसे पहले पब्लिश की थी। इसके मुताबिक, ट्रम्प ने कहा था कि मैं सिर्फ 11,780 वोट चाहता हूं। यह जीत के अंतर से एक वोट ज्यादा है। इस दौरान ट्रम्प ने रैफेंसपर्गर को बात नहीं मानने पर क्रिमिनल केस की धमकी भी दी थी।