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आंवलीघाट नर्मदा तट पर बह रही ज्ञान की गंगा

रेहटी। रेहटी तहसील केे प्रसिद्ध नर्मदा तट आंवलीघाट पर इस समय ज्ञान की गंगा बह रही है। यहां पर महंत स्वामी जमनागिरी जी महाराज गुरूदेव दत्त कुटी के मार्गदर्शन में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा सत्संग का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ 1 मार्च को भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। व्यास पीठ से कथा का श्रवण पंडित सतीशानंदजी महाराज प्रतापपुरा वालों द्वारा कराया जा रहा है। कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रखा गया है। तीसरे दिन की कथा में पंडित सतीशानंद जी महाराज ने व्यास पीठ से कहा कि जिस घर में जब तक कोई पुण्यशाली व्यक्ति रहता है, तब तक उस घर का कुछ नहीं बिगड़ता है। उन्होंने कहा कि जब तक विभीषण लंका में थे, तब तक रावण का कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाया। विभीषणजी के पुण्य के कारण रावण सुखी रहता था, परंतु जब रावण ने विभीषणजी को लंका से निकाल जाने का कहा, तब से रावण का विनाश होना शुरू हो गया। अंत में रावण की सोने की लंका का दहन हो गया और रावण के पीछे कोई रोने वाला भी नहीं बचा।

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