
सीहोर-रेहटी। 10 दिनों तक गणेशोत्सव की जमकर धूम रही। इस दौरान सीहोर सहित जिलेभर में भगवान गजानंद का उत्सव लोगों ने उत्साह एवं आपसी भाईचारे के साथ मनाया। अंतिम दिन गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ… के साथ उन्हें विदाई दी गई। सीहोर नगर में जहां देर रात तक चल समारोह निकलता रहा, तो वहीं जिले के रेहटी नगर सहित अन्य नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों ने भगवान श्रीगणेश का चल समारोह निकालकर विसर्जन किया। इस दौरान डीजे, ढोल-नगाड़े बजाए गए, आतिशबाजी की गई तो वहीं जमकर गुलाल भी उड़ाया गया। इधर गणेशोत्सव की समाप्ति के साथ ही पितृपक्ष की शुरूआत हो गई। अब 15 दिनों तक घरों में लोग तर्पण एवं ब्राह्मण भोजन कराएंगे।
सीहोर में कई जगह बने स्टेज, किया स्वागत-सम्मान-
सीहोर नगर में देर शाम चल समारोह का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान नगर के विभिन्न चौराहों पर स्टेज बनाकर झांकियों का स्वागत-सम्मान किया गया। हिन्दू उत्सव समिति द्वारा कोतवाली चौराहे पर स्टेज बनाया गया। समिति के अध्यक्ष आशीष गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारियों ने यहां से निकलने वाली झांकियों का फूल बरसाकर स्वागत एवं सम्मान किया। विधायक सुदेश राय, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष विकास प्रिंस राठौर, वरिष्ठ भाजपा नेता जसपाल सिंह अरोरा, पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष अमीता अरोरा, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, जिला पंचायत सदस्य शशांक सक्सेना सहित अन्य जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों ने भी चल समारोह का स्वागत-सत्कार किया।
नगर के कई मार्गों से निकला चल समारोह-
सीहोर में देर शाम शुरू हुआ चल समारोह नगर के विभिन्न मार्गों से निकाला गया। इस दौरान चल समारोह कोतवाली चौराहा, बड़ा बाजार, सीहोर टॉकीज चौराहा, भोपाल नाका सहित अन्य स्थानों से होते हुए विसर्जन घाट तक पहुंचा। यहां पर भगवान श्रीगणेश की आरती की गई एवं उनका विसर्जन किया गया। इस दौरान जमकर लोगों ने डीजे एवं ढोल पर डांस किया। इसी तरह रेहटी नगर में भी एक से बढ़कर एक झांकियां बनाकर भगवान गजानंद का चल समारोह निकाला गया। चल समारोह नगर में भ्रमण के बाद समाप्त हुआ। इसके बाद मूर्तियों का विसर्जन इटावा नदी, भब्बड़ नदी सहित नर्मदा नदी में किया गया।
आधा दर्जन से अधिक गणेश उत्सवों का किया सम्मान-