सीहोर। सीहोर जिले का नसरूल्लागंज अब फिर से भेरूंदा के नाम सेे जाना जाएगा। भेरूंदा को यह उपलब्धि गौरव दिवस पर मिली है। 115 वर्षों के बाद अब फिर से नसरूल्लागंज भेरूंदा के नाम सेे जाना जाएगा। इसको लेकर सरकार नेे गजट नोटिफिकेेशन भी जारी कर दिया है। नगरवासियों एवं क्षेत्रवासियोें की लंबे समय से मांग थी कि नसरूल्लागंज का नाम बदलकर भेरूंदा किया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसकी घोषणा की थी और अब इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
ये रहा है नसरूल्लागंज का इतिहास-
नसरुल्लागंज के इतिहास पर गौर करें तो इसका ताल्लुक भोपाल के नवाब परिवार से है। इतिहासकार असर किदवई बताते हैं कि नवाब सुल्तानजहां बेगम ने अपने तीनों पुत्रों को भोपाल के पास जागीर दी थी। सबसे बड़े बेटे नसरुल्ला खां को दी गई जागीर का नाम उनके नाम पर नसरुल्लागंज पड़ा। इसी प्रकार औबेदुल्लागंज औबेदुल्ला खां की जागीर थी। सुल्तान जहां बेगम ने अपने सबसे छोटे बेटे हमीदउल्ला को चिकलोद की जागीर दी थी। नसरुल्ला खां और औबेदुल्ला खां की मौत पहले हो जाने के कारण भोपाल रियासत का नवाब हमीदउल्ला को बनाया गया था।
लंबे समय से उठ रही थी मांग-
नसरूल्लागंज का नाम बदलकर भेरूंदा करने की प्रक्रिया लंबे समय सेे चल रही थी। कई बाद इसकोे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौैहान कोे ज्ञापन भी सौैंपे गए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने भेरूंदा का नाम बदलने की घोषणा भी की थी। अब इस पर अमल भी हो गया है।
लंबे समय सेे चल रही थी प्रक्रिया-
नसरूल्लागंज का नाम भेरूंदा करने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी। इसको लेकर नगर परिषद द्वारा प्रस्ताव बनाकर नगरीय प्रशासन विभाग में भेजा गया। यहां सेे प्रस्ताव को कैबिनेेट बैठक मेें ले जाया गया। इसकेे बाद विधानसभा में भी इस प्रस्ताव को पास कराकर केंद्रीय गृह मंत्रालय कोे भेजा गया था। अब इस पर निर्णय हुआ है औैर इस संबंध में गजट नोटिफिकेेशन भी हो गया है।