
सीहोर। गणेश विसर्जन के दौरान अंबड़ नदी में गहरे पानी में डूबे गोपाल पिता चंदर को आखिरकार कड़ी मेहनत एवं मशक्कत के 36 घंटे बाद नदी से बाहर निकाल लिया गया है। भैरूंदा एसडीओपी दीपक कपूर केे मार्गदर्शन एवं थाना प्रभारी गिरीश दुबेे के नेतृत्व में जहां पुलिस टीम ने मोर्चा संभाले रखा तो वहीं एसडीईआरएफ एवं गोेताखोेरों की टीम पानी के अंदर दिन-रात गोपाल को खोजती रही। गुरूवार से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेेशन के बाद शनिवार सुबह करीब 6.30 बजे गोपाल कोे पानी से बाहर निकाला गया। इसके बाद उसे अस्पताल लाया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनोें को सौैंपा जाएगा। इससे पहले पुलिस ने गोपाल की गुम होने की रिपोर्ट भी दर्ज की थी। गोपाल का शव बाहर आने के बाद रेस्क्यू एवं पुलिस टीम ने भी राहत की सांस ली। हालांकि परिजनों का बुरा हाल रहा। वे भी अपने बेटे का चेहरा देखने के लिए पूरे समय घटनास्थल पर मौजूद रहे। गौरतलब है कि अनंत चतुर्दशी पर गणेश विजर्सन के दौरान अकावलिया चींटीखेड़ा रोड निवासी युवक गोपाल पिता चंदर आयु 19 वर्ष गहरे पानी में चला गया था औैर डूब गया था। घटना की सूचना के बाद से ही भैरूंदा पुलिस टीम ने मोर्चा संभाल लिया था और लगातार इसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस संबंध में भैरूंदा थाना प्रभारी गिरीश दुबेे ने बताया कि गोपाल का शव नदी से बाहर निकालकर अस्पताल लाया गया है। अब पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव परिजनों को सौैंप दिया जाएगा।
क्यों डूबा गोपाल, इसकी तह तक जाना जरूरी-
आखिरकार गोपाल नदी में क्यों डूबा, आखिरकार गोपाल ऐेसे कौने से गड्ढे में चला गया था, जिसकोे ढूंढने में एक्सपर्ट टीमों कोे भी 36 घंटेे का समय लग गया। दरअसल जिस तरह से नदी की सेहत के साथ अवैध खनन माफिया खिलवाड़ कर रहा है उसके लिए जरूरी है कि इस मामले ही जांच एवं इसकी तह तक जाना भी बेहद जरूरी है। खनिज माफिया लगातार नदियों से पत्थर निकालकर अपना तोे भला कर रहा है, लेकिन न जानेे कितनेे घरोें के चिराग अब तक इनकेे कारण बुझ चुके हैं। प्रशासन को इस पर जांच करके कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि आगे से ऐसे कोई गोपाल नदी में नहीं डूबे। फिलहाल इस अवैध माफिया पर कार्रवाई की दरकार है, जिसकी उम्मीद सिर्फ प्रशासन सेे की जा सकती है।