सीहोर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक तरफ तो उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सीएम के इन प्रयासों पर कॉलेजों के प्रबंधन भारी पड़ रहे हैं। यही कारण है कि सीएम के निर्देश के बाद जब उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करके गुरूपूर्णिमा के आयोजन को लेकर कॉलेजों को निर्देश दिए, लेकिन सीहोर जिले के भैरूंदा स्थित शासकीय महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ. फातिमा खान ने इस आदेश को भी ढेंगा दिखा दिया। इससे पहले भी वे कई बार आदेशों की अवहेलना कर चुकी हैं। इधर खानापूर्ति के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद पांच बच्चों एवं तीन अन्य लोगों के साथ फोटो सेंशन करवा दिया, जबकि कॉलेज में 3300 से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इस दौरान न तो कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य डॉ. फातिमा खान यहां पर उपस्थित थीं न ही उन्होंने जनभागीदारी समिति सहित स्टॉफ को इस संबंध में कोई सूचना दी। कार्यक्रम में नगर के प्रबुद्धजनों, संतों, एवं सेवानिवृत्त स्टॉफ को भी आमंत्रित करना था। इसके लिए बाकायदा 16 जुलाई को आदेश भी जारी किया गया था, लेकिन भैरूंदा कॉलेज प्रबंधन द्वारा किसी भी निर्देश का पालन नहीं किया गया।
उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया था आदेश-
प्रदेशभर सहित सीहोर जिले के समस्त शासकीय, अशासकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में 21 और 22 जुलाई को गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने के लिए आदेश जारी किया गया था। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने विस्तृत निर्देश जारी किए थे। विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. अनिल राजपूत ने आदेश में कहा था कि दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव में विविध सांस्कृतिक गतिविधियां होंगी। इसमें गुरु वंदना, संस्थान परिदृश्य, गुरु पूर्णिमा के ऐतिहासिक महत्व, गुरु-शिष्य परम्परा, शिक्षा में नैतिकता, योग और ध्यान, गुरु के आदर्श एवं शिक्षा में नवाचार आदि विविध विषयों पर वक्तव्य एवं चर्चा होगी। साथ ही विद्यार्थियों द्वारा गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य पर विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। कार्यक्रम में सभी को राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपति पद नाम को परिवर्तित कर कुलगुरू किए जाने के निर्णय से अवगत कराया जाएगा। प्रदेश के समस्त शासकीय/अशासकीय विश्वविद्यालय/महाविद्यालय द्वारा उनके सेवानिवृत्त और कार्यरत कुलगुरू/प्राचार्य/गुरूजन/शिक्षाविद् को समारोह में सम्मानित किया जाएगा। समस्त शैक्षणिक संस्थाएं, संबंधित जिला कलेक्टर से समन्वय कर जिले के प्रबुद्ध नागरिक, गणमान्य व्यक्तिगण, गुरूजन एवं आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए कार्यक्रम का आयोजन करेंगी।
प्रभारी प्राचार्य डॉ. फातिमा खान ने उड़ाई आदेश की धज्जियां-
इस आदेश के बाद भी भैरूंदा के शासकीय कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य डॉ. फातिमा खान ने किसी भी निर्देश का पालन नहीं किया। न तो उन्होंने गुरूपूर्णिमा पर कोई आयोजन किया और न ही कार्यक्रम में किसी को आमंत्रित किया गया। विभाग के आदेश की खानापूर्ति के लिए सीएम के लाईव प्रसारण के बाद 5 बच्चों एवं तीन अन्य लोगों के फोटो खींचकर डाल दिए गए, जबकि सीएम के कार्यक्रम का लाईव प्रसारण किया जाना था। इसके लिए एलईडी लगाकर छात्र-छात्राओं, कॉलेज स्टॉफ, जनभागीदारी समिति सहित नगर के प्रबुद्धजनों, सेवानिवृत्त शिक्षक, शिक्षिकाएं सहित अन्य लोगों को आमंत्रित भी करना था, लेकिन कॉलेज प्रबंधन द्वारा कुछ भी नहीं किया गया। कार्यक्रम के बाद सार्थक ऐप पर लोकेशन वाले फोटो भी डालना था, लेकिन वे भी नहीं डाले गए।
कार्यक्रम नहीं हुआ, लेकिन प्राचार्य बोली किया था कार्यक्रम-
गुरूपूर्णिमा महोत्सव को लेकर कॉलेज में कार्यक्रम करना था। इसके लिए बाकायदा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सभी कॉलेजों को निर्देश दिए गए थे, लेकिन इन निर्देशों के बाद भी शासकीय महाविद्यालय भैरूंदा में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। इस संबंध में जब प्रभारी प्राचार्य डॉ. फातिमा खान से चर्चा की गई तो उन्होंने यह कहते हुए फोन कट कर दिया कि कॉलेज में कार्यक्रम हुआ था। इसके बाद उन्हें लगातार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
नियमों से नहीं, मनमानी से संचालित हो रहा भैरूंदा महाविद्यालय-
शासन द्वारा महाविद्यालयों को संचालित करने के लिए नियम, कानून बनाए गए हैं। इन नियमों के तहत ही इनका संचालन होना चाहिए, लेकिन भैरूंदा स्थित शासकीय महाविद्यालय नियम-कानून से नहीं, बल्कि यहां की प्रभारी प्राचार्य डॉ फातिमा खान की मनमानी से संचालित हो रहा है। दरअसल प्रभारी प्राचार्य द्वारा लगातार शासन के नियमों की अनदेखी की जा रही है। इससे पहले भी विशेष अवसरों को लेकर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कई निर्देश जारी किए गए, लेकिन भैरूंदा कॉलेज में इन निर्देशों की भी अवहेलना की गई। प्रभारी प्राचार्य डॉ. फातिमा खान खुद ही भोपाल से आना-जाना करती हैं और वे लगातार देरी से कॉलेज पहुंचती हैं एवं समय से पहले यहां से चली भी जाती हैं। जब कॉलेज की प्राचार्य की ही ये स्थिति है तो फिर यहां का स्टॉफ भी राम के भरोसे पर है।
इनका कहना है-
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी करके कॉलेज को निर्देश दिए गए थे कि गुरूपूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय आयोजन किया जाना है, लेकिन भैरूंदा स्थित शासकीय महाविद्यालय में पहले दिन कोई आयोजन नहीं हुआ और न ही इस संबंध में जनभागीदारी समिति एवं स्टॉफ को कोई सूचना दी गई। आयोजन में प्रबुद्धजन, कॉलेज के सेवानिवृत्त शिक्षक, शिक्षिकाओं सहित अन्य लोगों को भी आमंत्रित करना था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। यह निर्देशों की अवहेलना है।
– रानी वर्मा, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति, शासकीय महाविद्यालय भैरूंदा, जिला-सीहोर
कॉलेज में आयोजन किया गया है।
– डॉ. फातिमा खान, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय भैरूंदा, जिला-सीहोर