
सीहोर। प्रदेशभर सहित सीहोर जिले केे पटवारियों को लेकर सरकार का रवैया अढ़ियल हो गया है। यही कारण है कि जहां सरकार हड़ताल कर रहे पटवारियोें की मांगों को लगातार अनसुना करके उनकी अनदेखी कर रही है तो वहीं सरकार पटवारी परीक्षा के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियों कोे लेकर भी निर्णय नहीं कर पा रही है। यही कारण है कि अब उन्हें भी सड़क पर उतरकर विरोेध जताना पड़ रहा है। इसी को लेकर पटवारी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों ने रेहटी से लेकर सीहोर तक चुनरी यात्रा निकालकर धार्मिक आस्था के साथ विरोेध जताया है।
देश, प्रदेशभर के लिए आस्था के केंद्र सीहोर जिले की सलकनपुर धाम स्थित मां बिजासन के दरबार में अब पटवारी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी भी पहुंचे हैं। इससे पहले सीहोर जिले में हड़ताल कर रहे पटवारियों ने भी रेहटी से सलकनपुर तक चुनरी यात्रा निकालकर मां बिजासन को ज्ञापन सौैंपा था, साथ ही सरकार के लिए सद्बुद्धि भी मांगी थी। अब पटवारी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों ने भी रेहटी से सलकनपुर तक चुनरी यात्रा निकालकर उनकी नियुक्तियों को लेकर मां बिजासन के दरबार में अर्जी लगाई है। इससे पहले सीहोर जिले सहित प्रदेशभर के कई स्थानोें से पटवारी परीक्षा के चयनित अभ्यर्थी रेहटी में एकत्रित हुए। यहां से डीजे के साथ उन्होंने चुनरी यात्रा की शुरूआत की। इस दौरान भक्ति गीतों के साथ चयनित अभ्यर्थी जय-जयकार करते हुए पदयात्रा लेकर निकले।
आगे-आगे चली ध्वज पताका, पीछे-पीछे चुनरी यात्रा-
रेहटी से शुुरू हुई चुनरी यात्रा में आगे-आगे मां बिजासन की ध्वज पताका चल रही थी तो वहीं पीछे-पीछे मां की चुनरी लेकर अन्य अभ्यर्थी चल रहे थे। यात्रा के साथ में डीजे भी चल रहा था, जिसमें मातारानी के भजन बज रहे थेे। यात्रा रेहटी से शुरू हुई, इस दौरान सभी अभ्यर्थी जय-जयकार करते हुए आगे बढ़तेे चले। यात्रा रेहटी से चलकर मालीबायां होते हुए सलकनपुर पहुंची। यात्रा के सलकनपुर पहुंचने पर उन्होंने मां बिजासन के दरबार में नियुक्तियों की अर्जी लगाई एवं मां बिजासन को ज्ञापन भी सौंपा। यहां बता दें कि प्रदेशभर के 9 हजार से अधिक अभ्यर्थियों का चयन पटवारी परीक्षा के माध्यम से हुआ है, लेकिन सरकार इनकी नियुक्तियां नहीं कर रही है। ये लगातार मांग कर रहे हैं कि उनकी नियुक्तियां की जाए, लेकिन अब तक नहीं हो सकी है। अब उन्होंने चुनरी यात्रा निकालकर, हवन करके धार्मिक आस्था केे साथ अपना विरोध जताया है, साथ ही सरकार के लिए सद्बुद्धि भी मांगी है कि सरकार आचार संहिता लगने से पहले उनकी नियुक्तियों के संबंध में विचार विमर्श करे।
एक माह सेे अधिक समय से पटवारी कर रहे हड़ताल-
इधर एक माह से अधिक समय हो गया है प्रदेशभर सहित सीहोेर जिले के पटवारियोें को हड़ताल पर बैठे हुए। इसके बाद भी अब तक उनको लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है। पटवारियोें कोे लेकर सरकार का रवैया पूरी तरह से अढ़ियल हो गया है। चाहे नौकरी में तैनात पटवारी होे या फिर परीक्षा में चयनित अभ्यथी हों, सभी के साथ सरकार द्वारा न्याय नहीं किया जा रहा है। यहां बता दें कि विगत 28 अगस्त से जिलेभर के पटवारी मप्र पटवारी संघ भोपाल के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि तहसील के पटवारी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं और जब तक मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल पर रहेंगे। मांगों को लेकर पटवारी जिला मुख्यालय पर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। करीब 30 दिन से चल रही यह हड़ताल कब खत्म होगी इसके कोई संकेत नहीं है। प्रदेश में हड़ताल कर रहे यह पटवारी, 25 वर्षों से प्रमोशन न मिलने, ग्रेड-पे न बढ़ने, समयमान वेतनमान न दिए जाने, खाली पदों पर भर्ती न कर अतिरिक्त काम कराने और उसका वेतन न देने, यात्रा-मकान भत्ता जैसे सुविधाएं नहीं बढ़ाने की वजह से नाराज हैं। उनकी इन मांगों को नहीं पूरा किया जा रहा। पटवारियों की यह हड़ताल इस वर्ष संविदा स्वास्थ्य कर्मियों व शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की हड़ताल के बाद सबसे लंबे समय तक की जाने वाली हड़ताल बन चुकी है। पटवारियों के बाद, प्रदेश के तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों ने भी काम बंद करने की चेतावनी दी थी। जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया गया और उनकी मांगों को सुनकर निराकरण का भरोसा दिया गया था, जिसके बाद हड़ताल स्थगित हो गई थी। इस बार ऐसा लग रहा है मानों पटवारियों व सरकार में ठन गई है। न तो सरकार मनाने के लिए सामने आ रही है और न ही पटवारी हड़ताल से वापस लौट रहे हैं।
हड़ताल से नहीं हो रही फसल नुकसान की पड़ताल-
पटवारियों की हड़ताल से आमजनों के काम नहीं हो रहे हैं। किसान लगातार ज्ञापन सौंपकर सर्वेे की मांग कर रहे हैं। छात्र-छात्राओें के प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। इन सभी कामों के लिए पटवारियों की जरूरत होती है। यहां तक कि सबसे बड़ा संकट तो किसानों पर है। अगस्त महीने में इनकी फसल सूखे से प्रभावित हुई थी। बची हुई फसल सितंबर महीने में हुई तेज बारिश ने तबाह कर दी। ऐसे समय में फसलों को हुए नुकसान को दस्तावेजों में रिकार्ड करने का काम इन्हीं पटवारियों का है, जो अब पिछड़ रहा है। कुछ ही दिनों में कटाई शुरू हो जाएगी। इस तरह नुकसान का सटीक आकलन नहीं होगा। जिला पटवारी संघ के अध्यक्ष संजय राठौर ने बताया कि आंदोलन पटवारी संघ की मांगों को लेकर है। इनमें आवास, यात्रा, अतिरिक्त हल्का भत्ता बढ़ाया जाए। साथ ही विगत 25 वर्षों से पटवारी संवर्ग निरंतर अपनी मांगों के लिए आंदोलनरत है। वर्ष 2008 के पूर्व की जो स्थिति थी वही आज भी है। अतिरिक्त हलका भत्ता जो 500 रूपए प्रतिमाह है उसे मूल वेतन का 25 प्रतिशत किया जाए। साथ ही बताया कि अन्य राज्यों की तुलना में पटवारियों का वेतन प्रदेश में काफी कम है। जब तक यह पांच प्रमुख मांगें पूर्ण नहीं होगी, तब तक पटवारी हड़ताल पर रहेंगे। यहां बता देें कि हड़ताल पर बैठे पटवारियों ने भी रेहटी से सलकनपुर तक चुनरी यात्रा निकाली थी। इसके अलावा उन्होंने तहसील कैैंपस में सफाई अभियान चलाया। हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का पाठ भी किया। इसी तरह सेे कई अन्य प्रकार से भी अपना विरोेध जताया है।