गुरु-शिष्य परम्परा निभाने का पर्व है गुरु पूर्णिमा : जसपाल सिंह अरोरा

वरिष्ठ नेता, पूर्व जिला पंचायत, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हुए सांई पालकी में शामिल, लिया गुरुओं का आशीर्वाद

सीहोर। गुरु-शिष्य परंपरा को निभाने का सबसे महत्पूर्ण पर्व गुरु पूर्णिमा का है। गुरु पूर्णिमा का पर्व सदियों से मनाया जा रहा है। आज भी गुरु पूर्णिमा पर गुरु-शिष्य परंपरा निभाई जा रही है। शिष्य अपने गुरुओं की शरण में पहुंचकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और गुरु उन्हें सतमार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं, शिक्षा देते हैं। यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व जिला पंचायत, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने कही। वे गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सीहोर नगर में निकाली गई साईं पालकी में शामिल हुए तो वहीं उन्होंने सीहोर नगर के प्रमुख कथावाचकों, गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त किया एवं उनका गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सम्मान भी किया। श्री अरोरा ने नगर में निकली साईं पालकी में शामिल होकर फूलों की बारिश भी की। इसके बाद वे गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सीहोर नगर के संत, कथावाचकों के सानिध्य में पहुंचे और वहां उन्होंने उनका फूलमाला पहनाकर, श्रीफल,शॉल देकर सम्मान भी किया। वरिष्ठ नेता जसपाल सिंह अरोरा इस दौरान जगत गुरु अजय पुरोहित, पंडित मोहितराम पाठक, उद्धवदासजी महाराज की शरण में पहुंचे और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।

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