
सीहोर। एचडीएफसी बैंक में ग्राहक के साथ 10 लाख का फ्राड का मामला सामने आया है। बैंक के ही कर्मचारी ने ग्राहक को भरोसे में लेकर यह पूरा षड़यंत्र रचा। कोतवाली पुलिस ने इस पूरे मामले को सुलझाते हुए दो आरोपियों को सतना और पिपरिया से गिरफ्तार किया है। शनिवार को कोर्ट ने दोनों आरोपियों को तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया है। आरोपियों ने ग्राहक को कर्जदार बनाकर अपनी लाईफ स्टाईल बदल ली थी। कभी हवाई यात्रा कर रहे थे तो कभी शेयर मार्केट में पैसा लगा रहे थे।
दरअसल गंगा आश्रम स्थित एचडीएफसी बैंक में एक ग्राहक को खाता खुलवाना भारी पड़ गया। बैंक के कर्मचारी मनोज पटले ने ग्राहक को भरोसे में लेकर उसके कागजात का गलत उपयोग करते हुए एक क्रेडिट कार्ड बनवा लिया। इस कार्ड को आरोपी अपने पास रखता था। ग्राहक को इसकी खबर न लगे, इसलिए उसने अपने एक करीबी दोस्त सतना निवासी भरत प्रताप सिंह का मोबाईल नंबर खाते में दर्ज करवा दिया। ताकि कोई भी मैसेज असली उपभोक्ता तक न पहुंचे। दोनों आरोपी बीते पांच सालों से क्रेडिट कार्ड से राशि निलाकर शेयर मार्केट में लगा रहे थे। वहीं लोगों को ब्याज पर भी रूपए देते थे। हाल ही में जब एक नोटिस उपभोक्ता के घर पहुंचा तो ग्राहक मो. इब्राहिम कुरैशी के होश खड़े हुए। उन्होंने तुरंत गंगा आश्रम स्थित एचएडीएफसी बैंक से संपर्क किया। बैंक ने बताया कि यह कार्ड आपके नाम पर ही जारी हुआ है। तब उन्होंने इस मामले की शिकायत थाना कोतवाली में की। थाना प्रभारी रविन्द्र यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक टीम बनाई, जिसमें सायबर सेल के एक्सपर्ट रखे गए। दो दिन में टीम ने पूरे मामले की ऑनलाईन डिटेल्स निकालकर एफआईआर दर्ज की, फिर आरोपियों को तीन दिन में अलग-अलग शहरों से तलाश लिया। शनिवार को सीजीएम की कोर्ट में आरोपियों को पेश किया गया, जहां कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है। बताया जाता है कि आरोपी लंबे समय से कार्ड से रुपए निकालकर एेश की जिंदगी बिता रहे थे।