यहां हो गई चिट फंड कंपनी सांई प्रसाद के चेयरमैन और कर्मचारियों को 250 साल की सजा
6 लाख 50 हजार रुपए के जुर्माने से किया दंडित, कंपनी और आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर लौटाई जाएगी निवेशकों की राशि

सीहोर। निवेशकों से पांच साल में पैसा दोगुना करने का लालच देकर धोखाधड़ी करने वाली चिट फंड कंपनी साईं प्रसाद के चैयरमेन और एमडी सहित कंपनी के अन्य कर्मचारियों को दोष सिद्ध होने पर न्यायाधीश संजय कुमार शाही ने अलग-अलग धाराओं में 250 साल की सजा और 6 लाख 50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
मीडिया सेल प्रभारी केदार सिंह कौरव ने बताया कि अभियुक्तगण दीप सिंह वर्मा, राजेश उर्फ चेतनारायण परमार, लखन लाल वर्मा, जितेन्द्र कुमार वर्मा और बाला साहब भापकर ने 17 नबंवर 2009 से लेकर 13 मार्च 2016 की अवधि में आपस में मिलीभगत करके और षड्यंत्र करके सांई प्रसाद प्रापर्टी कंपनी लिमिडेट का अपने आपको चैयरमेन, डायरेक्टर, सीएमडी और एजेंट बताकर सीहोर जिले के आसपास के गांव के निवेशकों को सांई प्रसाद कंपनी में पैसा 5 साल में दुगना हो जाने का आश्वासन देते हुए और भरोसा दिलाते हुए निवेशकों से पैसा जमा कराया गया और निवेशकोें को पॉलिसी दी गई।
निवेशकों को दी गई पॉलिसी परिपक्वता पूर्ण होने पर सांई प्रसाद कंपनी के सीहोर स्थित कार्यालय में संपर्क किया गया, तब पाया गया कि कंपनी के कार्यालय पर ताले लगे थे। निवेशकों द्वारा आरोपीगण से संपर्क करने पर उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि उनका पैसा मिल जाएगा। जब निवेशको को उनका पैसा प्राप्त नहीं हुआ तो थाना कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई। इस पर आरोपी दीपसिंह, जितेंद्र कुमार, लखनलाल वर्मा, राजेश उर्फ चेतनारायण परमार के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान कंपनी के डायरेक्टर बाला साहब भापकर विवेचना अधिकारी सउनि सीएल रायकवार और सउनि मेहताब वास्केयल द्वारा प्रकरण का अनुसंधान किया गया। संपूर्ण अनुसंधान उपरांत समस्त आरोपीगण के विरूद्ध धारा 420, 409, 120-बी भादवि, धारा 6 मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत अभियोग-पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुवत किया गया। अभियोजन पक्ष ने अपने समर्थन में विचारण के दौरान निवेशकों सहित कुल 28 साक्षीगणों की साक्ष्य कराई गई और 325 दस्तावेजों को प्रमाणित कराया गया। इसके बाद अभियोजन ने बहस प्रस्तुत की। इससे सहमत होकर न्यायाधीश संजय कुमार शाही विशेष न्यायालय ने अभियुक्तगण दीपसिंह वर्मा पिता गंगाधर वर्मा निवासी ग्राम लसूड़िया परिहार, लखनलाल वर्मा पिता देवीलाल वर्मा निवासी ग्राम खैरी, जितेंद्र कुमार पिता रामचरण वर्मा निवासी ग्राम काकडखेड़ा, राजेश पिता भगवत परमार निवासी ग्राम बमूलिया को धारा 420 सहपठित धारा 120बी भादवि में 5-5 वर्ष और 50-50 हजार रुपए के अर्थदंड से एवं आरोपी बाला साहब भापकर पिता केशवराव भापकर निवासी सांई दरबार बंगलो चिंचबाड़ पुणे महाराष्ट्र को धारा 420/120 बी भादवि में 5-5 साल और 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड, धारा 409 भादवि में 10 वर्ष (10 काउंट) व 50 हजार रुपए अर्थदंड और धारा 6 निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम में 10 वर्ष (10 काउंट ) वर्ष सश्रम कारावास 5 लाख रुपए कुल 250 वर्ष की सजा और 6 लाख 50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। शासन की ओर से पैरवी प्रमोद अहिरवार, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ने की।
लगातार की गई समीक्षा-
चिटफंड संबंधित मामलों में शासन स्तर पर मुख्यमंत्री और शासन के मार्गदर्शन में समय-समय पर समीक्षा की जाती थी। इसके संबंध में समय-समय पर संचालक राजेश चावला लोक अभियोजन संचालनालय मप्र, कलेक्टर प्रवीण सिंह अढायच, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी और जिला अभियोजन अधिकारी अनिल बादल की जिला स्तरीय समिति के तहत समय-समय पर पुलिस कंट्रोल रूम सीहोर में अभियोजन अधिकारियों के साथ मींटिग भी आयोजित की जाती थी।
संपत्ति कुर्क कर लौटाई जाएगी निवेशकों की राशि-
इस मामले में न्यायालय ने 31 जनवरी 2023 और 14 फरवरी 2023 को जिला दंडामधिकारी के द्वारा विभिन्न देश के विभिन्न शहरों में स्थित सांई प्रसाद कंपनी की संपत्ति, बैंक खातों को कुर्क कर कुर्की का आदेश दिया गया है। साथ ही सांई प्रसाद कंपनी और आरोपियों की संपत्ति को विक्रय किया जाएगा और निवेशकों को कंपनी में निवेश किया पैसा वितरित किया जाएगा।