Newsइंदौरग्वालियरजबलपुरभोपालमध्य प्रदेशविशेष

यहां सरकार की नाक के नीचे ये हाल, आयोग ने लिया संज्ञान, अफसरों से मांगा जबाव

- मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने 40 मामलों में संज्ञान लेकर अधिकारियों से जबाव मांगा है।

40 हजार बच्चे हर साल देते हैं 48 लाख रूपए खेल शुल्क, पर न खेल मैदान है, न पीटीआई
मप्र में 2008 से खेल नीति लागू है। सभी स्कूलों में खेल पीरियड अनिवार्य है, लेकिन भोपाल जिले के 135 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चें खेलों से महरूम हैं, क्योंकि ज्यादातर स्कलों में न खेल मैदान है और न ही पीटीआई (खेल टीचर) जबकि 30 स्कलों में पीटीआई के पद स्वीकृत हैं पर इनमें 22 पद खाली पड़े हैं। सरकार भोपाल शहर के 40 हजार विद्यार्थियों से ही क्रीड़ा शुल्क के नाम पर हर साल 48 लाख रूपए वसूलती है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव, मप्र शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय, भोपाल तथा संचालक, स्कूल शिक्षा संचालनालय, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर विद्यालयों में खेलों की अपेक्षित सुविधाएं और प्रशिक्षकों की नियुक्ति की व्यवस्था अथवा जब तक मप्र शासन ऐसी विशिष्ट सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा सके, तब तक ऐसे विद्यालय के विद्यार्थियों से क्रीड़ा शुल्क की वसूली स्थगित रखने की कार्यवाही कराकर इस संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।
ईलाज के लिए उपकरणों का वसूल रहे किराया, नहीं दे रहे सुविधा-
भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कर्मचारियों और निजी दवा दुकानों का गठजोड़ सामने आया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल में संसाधनों की कमी का फायदा उठाकर ये कर्मचारी मरीजों को निजी दुकानों से मनमाने दामों पर सामान दिला रहे हैं। यहां तक कि सर्जरी के लिए जरूरी उपकरणों का किराया भी मरीजों को ही उठाना पड़ रहा है। निजी दवा दुकानदारों की पैठ इतनी है कि वे आईसीयू में तक बेरोकटोक आते जाते हैं और मरीजों के बेड पर दवायें और ऑपरेशन का सामान दे जाते है। बदले में मरीजों से मनमाना शुल्क वसूलते हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव, मप्र शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय, भोपाल तथा संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर पर्याप्त बजट के अभाव में अस्पताल में संभावित अव्यवस्था को रोके जाने हेतु की कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
जेपी का डॉक्टर जेल में 15 साल से प्रतिनियुक्ति पर, मरीज परेशान-
भोपाल के जेपी अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी है। इसके उलट जेपी के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रमेन्द्र शर्मा जेल में बीते 15 सालों से प्रतिनियुक्ति पर है। यहां हड्डी रोगों से पीड़ित मरीज अपने इलाज के लिए परेशान है। इनकी प्रतिनियुक्ति निरस्त कराने का आदेश जारी हो चुका है, पर उन्होंने अब तक जेपी में ज्वाईन नहीं किया है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि शासकीय अस्पताल में आ रहे मरीजों को पर्याप्त/प्रभावी उपचार सुविधा प्राप्त करने का मौलिक/मानवाधिकार है। इसका पालन उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर सुनिश्चित किया जाये।
करोड़ों का काम लेकर 40 ठेकेदार गायब-
भोपाल शहर में सड़कें बदहाल हैं। नारियलखेड़ा से लेकर मिसरौद, कोलार तक करीब 40 ठेकेदारों ने 20 लाख रू. से दो करोड़ रू. तक के सड़क निर्माण कार्य लिये हैं, लेकिन अब तक काम शुरू ही नहीं किया है। इससे सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं और इन गहरे गड्ढों में गिरकर लोगों की हड्डियां टूट रही हैं। नगर निगम के अधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल तथा संचालक/महाप्रबंधक बसीएलएल कंपनी लिमिटेड, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर जनसुरक्षा हेतु वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
नादरा बस स्टैण्ड पर फैली गंदगी, बैठने तक की जगह नहीं-
भोपाल शहर के 50 साल पुराने नादरा बस स्टैण्ड की हालत बद से बदतर होती जा रही है। यहंा मुसाफिरों के बैठने और लेटने तक की जगह नहीं है। यहां चारों तरफ गंदगी, कीचड़ और दुर्गंध का आलम है। सुरक्षा को कोई इंतजाम नहीं है। रात के वक्त सफर करने वाले मरीज पशुओं के बीच रात गुजारने को मजबूर हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
25 हजार बच्चे रोजाना कीचड़ वाले रास्ते से पहुंच रहे विद्यालय-
भोपाल शहर के कोलार इलाके में पांच सरकारी और करीब 100 निजी स्कूलों के 25 हजार बच्चें रोजाना कीचड़ वाले रास्ते से कूद-फांद कर किसी तरह अपने विद्यालय पहुंच रहे हैं। क्योंकि सड़के बदहाल हैं और बारिश ने हालत और खराब कर दी है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर रास्ते के निर्मित भाग पर ट्रेफिक प्रारंभ कराने एवं कीचड़युक्त अनिर्मित भाग पर आवागमन की वैकल्पिक व्यवस्था जनसुरक्षा एवं दुर्घटनाओं को रोके जाने के उद्देश्य से यथाशीघ्र कार्यवाही कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
48 कॉलोनियों में दूषित पानी की आपूर्ति-
भोपाल के पुराने शहर में रेतघाट, गिन्नौरी, खांनूगांव, टीला जमालपुरा, शाहजहांनाबाद, जहांगीराबाद सहित अन्य क्षेत्रों की लगभग 48 कॉलोनियों में गंदे पानी की आपूर्ति की जा रही है। लोगों के घरों में गंदा-मटमैला पानी आ रहा है। लोग गंदगी और बदबू के बीच रहने को मजबूर हैं। इससे इस क्षेत्र के निवासी करीब 50 हजार लोगों पर जलजनित संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। शिकायतें करने के बाद भी नगर निगम की जलकार्य शाखा के अधिकारी कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर प्रदाय किये जा रहे पेयजल की जांच समुचित तरीके से कराकर इसके पीने योग्य होने पर ही जल प्रदाय सुनिश्चित कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
केरवा डैम न सैलानी मान रहे, न इन्हें रोकने वाले मौजूद-
भोपाल शहर के निकट कैरवा डैम में इन दिनों भारी सैलानी आ रहे हैं। यहां सुरक्षा के काई इंतजाम नहीं हैं और न ही सैलानियों को डैम क अंदर जाने से कोई रोकने वाला है। यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यहां सैलानियों का आवागमन प्रतिबंधित होना चाहिए। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से 15 दिन में जवाब मांगकर पूछा है कि क्या कैरवा डैम में आ रहे व्यक्तियों/सैलानियों की सुरक्षा के समुचित प्रबंध हैं ? यदि नही ंतो जन सुरक्षा व्यवस्था अथवा इस हेतु युक्तियुक्त प्रतिबंध के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है?
सात माह में राजधानी से 1653 लोग गायब, भोपाल पुलिस सिर्फ 11 को ही खोज पाई-
भोपाल पुलिस वर्ष 2022 में शहर से लापता हुए 2183 लोगों में से एक को भी नहीं खोज पाई है। इसी तरह जारी वर्ष में जनवरी से 15 जुलाई 2023 तक शहर से लापता हुए 1653 लोगोें में से भोपाल पुलिस सिर्फ 11 को ही खोज पाई है, जबकि भोपाल में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हुये 20 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। पुलिस लापता लोगों की गुमशुदगी दर्ज कराने वालों को ही खोजने में लगा देती है। गुमशुदगी की मॉनिटरिंग नहीं हो रही है, इससे लापता लोगों की संख्या बढ़ रही है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर वर्ष 2022 एवं 2023 में लापता लोगों के पंजीबद्ध मामलों और उनमें पुरूष/महिला संख्या के साथ ही ऐसे मामलों में बरामद व्यक्तियों (पुरूष व महिला) की वास्तविक संख्या और लापता महिलाओं के संबंध में मामला दर्ज करने के बारे में की गई विशिष्ट कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।
सर्जरी कर पैर काटा, खाल और मांस से बाहर छोड़ दी हड्डी-
भोपाल शहर के हमीदिया अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती 70 वर्षीय बुजुर्ग कैलाश सिंह के घायल पैर में गैंगरीन हुआ था। इसकी सर्जरी कर घुटने के ऊपर से पैर काट दिया गया, लेकिन हड्डी काटने के दौरान उसके उपर की चमड़ी और मांस ज्यादा हटा दिया। इससे हड्डी बाहर दिखाई दे रही है। इन्हें सर्जिकल वार्ड में भर्ती किया गया था। जहां इनकी कोई देखभाल भी नहीं की गई। दो महीने बाद भी बुजुर्ग के काटे गये पैर का घाव नहीं भर पा रहा है। अधीक्षक कहते हैं कि दोबारा सर्जरी कर हड्डी को फिर से काटना पड़ेगा। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर आवश्यक दस्तावेजों सहित 15 दिन में जवाब मांगा है।
घरों में घुस रहा सीवेज का पानी, लोग बदबू में जीने को मजबूर-
भोपाल शहर के संत हिरदाराम नगर में नगर निगम बुनियादी सुविधायें तक मुहैया नहीं करा पा रहा है। यहां सीवेज सिस्टम पूरी तरह फेल है तथा बारिश का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। ऐसे में लोग बदबू के बीच खाने-पीने, नहाने और जीने को मजबूर हैं। इस वजह से नागरिकों में नगर निगम के प्रति भारी आक्रोश है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल तथा कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में फोटोग्राफ्स सहित एक माह में जवाब मांगा है।
करंट लगने से लाईनमेन की मौत-
भोपाल शहर के कोलार इलाके में अयाज पुत्र सलीम उम्र 22 वर्ष कोलार में रहता था, और लाईनमेन था। पुलिस के अनुसार बीते शनिवार को कान्हाकुंज में बिजली के खंभे पर चढ़कर लाइट सुधार रहा था। तभी उसे करंट लग गया। हादसे में घायल युवक को आसपास के लोगों ने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसने कुछ देर बाद दम तोड़ दिया। युवक का शव पीएम के लिए भेज दिया गया है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी), मप्र मध्यक्षेत्र, वि.वि.कं.लि, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर मृतक के वैध वारिसों को शासन/कंपनी के नियमानुसार देय मुआवजा राशि प्रदान करने तथा विद्युत सुधार कार्य में लगे कर्मचारियों की सुरक्षा के संबंध में किये गये उपायों के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
भालू ने बुजुर्ग की आंखंे निकाल लीं और पेट खा गया, गांव में दहशत-
भोपाल जिले के केकरिया गांव में भालू ने एक बुजुर्ग की जान ले ली। हमले में भालू ने बुजुर्ग की दोनांे आंखें निकाल लीं और उसका पेट खा गया। इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गइ। घटना रातीबड़ थानाक्षेत्र की है। यहां के आदिवासी गांव केकरिया में हुई इस घटना से ग्रामीणों में भय का माहौल है। लोगों ने वन विभाग से वन्य जीवों के हमले से निजात दिलाने की गुहार लगाई है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने डीएफओ, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर मृतक के वैध वारिसों को शासन के नियमानुसार देय मुआवजा राशि प्रदान करने के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।
खेलने निकले सात साल के बच्चे का शव कुएं में मिला-
भोपाल जिले के बिलखिरिया में बीते शनिवार की दोपहर स्कूल से आने के बाद घर से बाहर खेलने निकले सात साल के मासूम बच्चे का शव पुलिस ने एक कुएं से बरामद किया। बच्चे के परिजनों को उसकी चप्पल घर से करीब 500 मीटर दूर बिना मुंडेर के कुएं में तैरती मिली थी। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कुएं से ही बच्चें का शव बरामद किया। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर मृत बच्चे वैध वारिसों को शासन के नियमानुसार देय मुआवजा राशि प्रदान करने के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह मंे जवाब मांगा है।
दो नाबालिगों से साथ छेड़छाड –
भोपाल शहर के शाहपुरा थानाक्षेत्र एवं कोलार थानाक्षेत्र में दो अलग-अलग मामलों में दो नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की गई। दोनों ही मामलों में पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन मंे जवाब मांगा है।
युवती के साथ युवक ने की अश्लील हरकत –
भोपाल शहर के बागसेवनिया थानाक्षेत्र निवासी एक युवती ने उसी के मोहल्ले में रहने वाले युवराज नामक युवक पर परेशान करने, गाली-गलौज करने और उसका हाथ पकड़ लेने की शिकायत की है। बीते सोमवार को आरोपी युवराज ने युवती के साथ अनर्गल बाते कहीं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन मंे जवाब मांगा है।
अयोध्या नगर: टैंक में गिरा युवक, डूबने से मौत-
भोपाल शहर के अयोध्या नगर थानाक्षेत्र में एक 20 वर्षीय युवक की टैंक में गिरने पर गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक दीपू मालवीय घरों में पुताई का काम करता था। वह राजीव नगर के बी सेक्टर में काम कर रहा था। काम के दौरान दीपू का साथी जब लंच करने गया, तो उसे वहीं छोड़ गया। जब साथी वापस लौटा, तो दीपू उसे नहीं मिला। इसके बाद दीपू की तलाश की गई और पुलिस को भी इत्तला दी गई। पुलिस ने दीपू के काम वाली जगह से ही एक टैंक से उसका शव बरामद किया। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह मंे जवाब मांगा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button