
सीहोर। रविवार को शहर के इतिहास में पहली बार कावड़ा यात्रा सेवा समिति चितावलिया के तत्वाधान में देवों के देव महादेव के सावन मास के पावन अवसर पर भव्य कावड़ा यात्रा का आयोजन किया, यात्रा सुबह शहर के जीवन दायनी सीवन नदी के तट पर पहुंची और करीब 15 किलोमीटर का मार्ग छह घंटे में तय किया। इस मौके पर शिव भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। कावडियों का रैला उमड़ने से नेशनल हाई वे पर जाम खुलवाने में सुबह से शाम तक पुलिस के पसीने छूट गए। आस्था के इस सैलाब में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंदिर में आरती के पश्चात सभी श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
इस संबंध में मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि शहर के इतिहास में पहली रविवार को निकाली जाने वाली कावड़ यात्रा में सुबह से देर रात्रि तक लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कावड़ यात्रा में पहुंचकर धर्म का लाभ उठाया। शहर के सीवन नदी के तट से ही हजारों की संख्या में कावड़ यात्री शामिल थे। वहीं लाखों की संख्या में कुबेरेश्वरधाम पर भी श्रद्धालु पहुंच गए थे और पूरे देश के कोने-कोने से भी श्रद्धालुओं का सिलसिला देर रात्रि तक चलता रहा। कावड़ यात्रा में डीजे के साथ भोले बाबा, नंदी और भूतों की टोली के पहनावे के साथ युवा शामिल हुए। कावड़ यात्रा मार्ग पर जगह-जगह लोगों ने स्वागत मंच लगाए। जहां कावड यात्रियों के स्वागत के साथ ही जलपान, फलहार आदि की व्यवस्था भी की गई। दोपहर तीन बजे के बाद यात्रा का समापन शिव भक्तों के द्वारा कावड़ से लाए जल से भगवान शिव के जलाभिषेक किया गया।
हर तरफ था जनसैलाब-
महिलाएं आस्था के साथ जल कलश लेकर उमड़ी-
कावड़ यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल थे, इस यात्रा में महिलाओं ने पूरी आस्था के साथ नंगे पैर सिर पर जल कलश लेकर करीब 15 किलोमीटर की कावड़ यात्रा की, इस दौरान महिलाएं लाल, केसरिया और पीले रंगे के परिधान और पुरुष भगवा रंग के वस्त्रों में हाथों में कावड़ लिए यात्रा करते नजर आ रहे थे। इन कावड़ यात्रियों का शहर के अनेक स्थानों पर पूरी आस्था के साथ स्वागत किया गया।