भुवनेश्वर। कैदियों को सजा देने के लिए उन्हें जेल में सलाखों के पीछे बंद कर दिया जाता है, लेकिन अब सरकार को जेल का खर्च उठाने की जरूरत नहीं पडेगी। ओडिशा सरकार के प्रस्ताव को मान लिया गया तो घर ही कैदियों के लिए जेल बन जाएंगे।
क्या है प्रस्ताव में
कैदियों के बढते दबाव के चलते ओडिशा में जेल प्रशासन ने सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है कि कैदियों को जीपीएस ट्रैकर लगाकर घरों में ही कैद किया जा सकता है। ऐसे में जेल प्रबंधन का दबाव कम होगा और खर्च में भी कमी आएगी। जेल महाप्रबंधक डॉ मनोज छाबडा ने बताया कि कैदियों को लगाई जाने वाली जीपीएस डिवाइस की कीमत 10 से 15 हजार रुपए के बीच आएगी। डिवाइस लगाकर कैदियों को उनके घर पर ही कैद रखा जा सकेगा। अगर कोई कैदी तय सीमा से बाहर जाने की कोशिश करेगा तो यह डिवाइस अलर्ट कर देगी।
कम सजा वाले कैदियों पर प्रयोग
इस डिवाइस का उपयोग छोटे अपराध और कम सजा वाले कैदियों पर किया जाएगा। इसे कैदियों के टखनों पर इम्प्लांट किया जाएगा। डिवाइस को संसद की स्थायी समिति के सामने भी पेश किया गया है। ओडिशा में 65 फीसदी कैदी ऐसे हैं, जिनके अपराधों के लिए 7 साल से कम की सजा सुनाई गई है। राज्य की 87 जेलों में 20 हजार से ज्यादा कैदी हैं।
अभी हैं कई खामियां
हालांकि इस डिवाइस के इस्तेमाल पर कई खामियां भी आडे आएंगी। सबसे पहले तो इससे कैदियों के डाटा का गलत इस्तेमाल होने का डर रहेगा। कैदी के तय जगह से फरार होने पर उसकी धरपकड के लिए अलग से बल की जरूरत होगी। डिवाइस को बार बार चार्ज किए जाने की जरूरत का निराकरण भी करना जरूरी होगा।