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मैंने राजनीति को हमेशा मानव सेवा माना, अब लोग अपने निजी हितोें के लिए राजनीति करते हैं: रमेश सक्सेना

सीहोर। मैंने कभी राजनीति में निजी स्वार्थ को स्थान नहीं दिया। जातिवाद और धार्मिक कटटर विचार और रूढ़िवादी मान्यताओं का हमेशा विरोध किया। राजनीति का ध्येय मानव सेवा को माना। हरेक जाति, धर्म के लोगों के साथ मिलकर चला। यह बात पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश सक्सेना ने कही। उन्होंने बताया कि राजनीति के तौर तरीके अब बदल गए हैं। अब लोग अपने निजी हित साधने के उद्देश्य से यह क्षेत्र चुन रहे हैं। सिर्फ वोट पाने के लिए समाज को बांटते हैं, कट्टरता फैलाते हैं, जबकि मेरा तो नारा रहा है हिंदु-मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई-भाई।
श्री सक्सेना ने बताया कि सन 1978 में जब वह ग्राम पंचायत बरखेड़ा हसन के सरपंच बने तो उन्होंने सबसे पहले ग्राम में अनूसूचित जाति वर्ग के लोगों को मंदिर में प्रवेश दिलाया। जातिवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। लोगों को जोड़ने का प्रयास किया। मंदिर में सभी लोगों के साथ बैठाया। पूजा पाठ आरती में शामिल कराया। इस बात पर कई लोगों ने विरोध भी किया। सभी लोगों को समझाया, एक जाजम पर बैठाया। लोगों की मांस-मंदिरा छुड़वाई और अच्छा और बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
गांव-गांव बनाए मंडल-
श्री सक्सेना ने बताया कि मैंने सभी समाज और हर धर्म के लोगों से नशा त्यागने का आग्रह किया। गांव-गांव में रामायण मंडल बनाए जिनमें हर जाति के लोगों को साथ रखा। प्रेम, भाईचारे, आपसी जुड़ाव, एकता की बात कहीं। यह परंपरा आज भी जारी और गांव में सब मिलकर मंदिर में पूठा-पाठ करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह भाईचारा पसंद नहीं। वह तो सिर्फ अपना ही भला चाहते हैं। नशा व्यक्ति को बर्बाद करता है। नशे से घर के घर बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इस सामाजिक बुुराई को बढावा देते हैं।
बांटने वालों की बात में न आना-
श्री सक्सेना ने कहा कि अब चुनाव प्रचार शुरू हो गया है, इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहें जो बांटने की बात करे। आपको प्रलोभन दे। कांग्रेस ने देश की बुनियाद रखी, देश को रास्ता दिखाया। नए भारत का निर्माण किया। आज प्रदेश में कमलनाथ के कुशल नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। युवा, किसान, मजदूर, व्यापारी, खिलाड़ी, छात्र, नौकरीपेशा हरेक वर्ग का घोषणा पत्र में ध्यान रखा गया है।

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