बादल न बरसे तो आंखें बरसेंगी: बारिश में और देर हुई तो सब बर्बाद समझो
मध्यप्रदेश से रूठा हुआ है मानसून, मौसम की खबरों पर नजरें टिकाए हैं किसान

भोपाल। मध्य प्रदेश में सूखे का संकट गहराता जा रहा है। पिछले करीब 25 दिन से प्रदेश के अधिकतर हिस्से बारिश की बाट जोह रहे हैं, लेकिन कहीं कोई उम्मीद जगाती बदली नजर नहीं आ रही है। खासतौर पर किसानी क्षेत्र से जुडे लोगों की धडकने हर दिन बढती जा रही हैं। खेतों में सूखती फसलें आंखें नम कर रही हैं। किसानों का कहना है कि बादल अब भी न बरसें तो आखों का बरसना तय है।
खेतों में उजाड सा नजारा
प्रदेश के कई हिस्सों, खासतौर पर मालवा—निमाड के जिलों में बारिश की बेरुखी से सोयाबीन, मक्का, मूंगफली और सब्जियों की फसलें बहुत बुरी स्थिति में पहुंच गई हैं। अगर जल्द ही बारिश नहीं आई तो सबकुछ खत्म हो जाएगा। किसान आनी लागत भी नहीं निकाल पाएंगे। जमीन में पानी का कोटा पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में आगामी रबी सीजन में भी परेशानी आएगी। पीने के लिए भी पानी का संकट गहराएगा।
पूर्वानुमान पर टिकी आस
मौसम विशेषज्ञ कह रहे हैं कि 10 दिनों से थामा बारिश का दौर एक-दो दिन में फिर शुरू हो सकता है। मौसम विभाग ने प्रदेश के सभी हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राज्य में फिर मानसून सक्रिय होगा और आंधी के साथ जोरदार बारिश हो सकती है। वर्तमान समय में तीन मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं, जो मध्य प्रदेश में बारिश के लिए उपयुक्त माहौल बना रही हैं। मानसूनी ट्रफ पूर्वोत्तर बिहार में उत्तर पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ नजर आ रहा है। एक चक्रवर्ती मौसम तंत्र उत्तर पूर्व और पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के आसपास सक्रिय है। यही मौसम तंत्र देश भर के अलग-अलग हिस्सों में बारिश करवा सकते हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर, शहडोल, चंबल और नर्मदापुरम संभाग के मौसम में बड़ा बदलाव नजर आएगा।
सागर में जबरदस्त बारिश
शुक्रवार को प्रदेश के अधिकांश से शुष्क रह सकते हैं। गुरुवार को सुबह 8:30 से शाम के 5:30 बजे तक सागर में जबरदस्त बारिश हुई, यहां बारिश का आंकड़ा 33 मिली मीटर दर्ज हुआ। जबकि नर्मदापुरम में बूंदाबांदी बारिश ही हो सकी। इसके अलावा प्रदेश के अन्य हिस्से शुष्क रहे।
क्या कहता है पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश का अनुमान जताया है। शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में और सतना, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, भोपाल, रायसेन, विदिशा, सीहोर, इंदौर, धार, देवास जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। इसके अलावा बैतूल, अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, मंडला और छतरपुर जिलों में कहीं-कहीं गरज चमक की गतिविधि भी बन सकती है।
राजधानी भोपाल के भी बुरे हाल
आपको बता दें कि लगातार रुकी हुई बारिश के कारण राजधानी भोपाल सहित प्रदेश की आधे से अधिक जिलों की बारिश का कोटा पूरा नहीं हो सका है। राजधानी भोपाल की लाइफ लाइन मानी जाने वाली बड़ी झील भी अभी फुल नहीं हो पाई है। प्रदेश की अधिकांश बांध अभी भी फुल टैंक लेवल तक नहीं पहुंच पाए हैं।