31 अगस्त से पहले किसानों ने नहीं कराया ईकेवायसी तो किसान सम्मान निधि से होना पड़ेगा वंचित

- पटवारी फोन लगाकर बुलातेे हैैं, लेकिन किसानों की लापरवाही पड़ेगी खुद पर भारी

सीहोर-रेहटी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 6 हजार एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि 4 हजार लेकर किसान खुश तो हैं, लेकिन किसानोें की लापरवाही से वे ये सम्मान निधि से भी वंचित हो सकते हैं। दरअसल ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योेंकि सम्मान निधि के पात्र एवं हकदार किसानों के खातोें की ईकेेवायसी कराई जा रही है। इसकेे लिए अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन किसान ईकेेवायसी को लेकर जागरूक नहीं हैं। उन्हें इसकी जानकारी हो, इसके लिए गांवों में मुनादी भी पिटवाई गई हैै, हल्का पटवारियोें द्वारा भी किसानों को फोन लगा-लगाकर बुलाया जाता है, लेकिन इसके बाद भी वे ईकेेवायसी कोे लेकर जागरूक नहीं हो रहे हैैं। अब इसके लिए अंतिम मौका 31 अगस्त तक का है। यदि 31 अगस्त तक पात्र किसानों ने अपनी ईकेेवायसी नहीं कराई तोे उनको किसान सम्मान निधि मिलना बंद हो जाएगी।
इसलिए जरूरी है ईकेवायसी-
किसानों को 6 हजार रूपए वार्षिक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं 4 हजार रूपए मुख्यमंत्री सम्मान निधि के दिए जातेे हैैं। इस तरह सेे हर वर्ष 10 हजार रूपए किसान सम्मान निधि केे दिए जा रहेे हैैं। यह राशि किसानोें के खातोें में पहुंचे, इसके लिए उनकी ईकेेवायसी करवाई जा रही है। किसान सम्मान निधि के लिए पात्र किसानों कोे कोई परेशानियां न आए, इसको लेकर यह सारी कवायद है, लेकिन किसान खुद ही इसकोे लेकर लापरवाह है।
अंतिम तिथि 31 अगस्त-
किसान सम्मान निधि के लिए सभी पात्र किसानों की ईकेेवायसी होनी है। इसके लिए राजस्व अमला लगा हुआ है। पटवारियों द्वारा किसानों को फोन लगाकर इसकी जानकारी दी जा रही है। इसी प्रकार गांवोें में मुनादी भी पिटवाई जा रही है, ताकि किसानों को इसकी जानकारी मिल सके। पटवारी अपनेे-अपनेे हल्कोें मेें किसानोें कोे फोन लगाकर इसकी जानकारी देने के साथ ही उनकी ईकेेवायसी भी कर रहे हैैं, लेकिन ज्यादातर किसान इसकोे लेकर जागरूक नहीं हो पा रहे हैं। यदि किसानों ने समय पर अपनी ईकेवायसी नहीं कराई तोे उनकोे किसान सम्मान निधि मिलना बंद होे जाएगी।