सीहोर। सीहोर स्थित सीवन नदी पर बने करबला पुल पर लंबे समय से रैलिंग लगाने की मांग उठाई जा रही है, लेकिन अब तक इस तरफ प्रशासन एवं जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। यदि करबला पुल पर रैलिंग होती तो नदी में बहे तहसीलदार एवं पटवारी की जान बच सकती थी। अब एक बार फिर से करबला पुल पर रैलिंग लगाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इधर पटवारी महेंद्र रजक का शव
भोपाल-इंदौर हाईवे के पास स्थित रफीकगंज में एक फार्म हाउस से पार्टी मनाकर लौट रहे तहसीलदार और पटवारी लापता हो गए थे। दो दिनों के बाद सीहोर निवासी पटवारी महेंद्र रजक का शव सीहोर से 3 किलोमीटर दूर ग्राम सेवनियां के पास मिला है। रेस्क्यू के दौरान गाड़ी भी मिल गई, लेकिन अब तक सीहोर निवासी एवं शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया तहसील में पदस्थ तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का पता नहीं चल सका है। उल्लेखनीय है कि रविवार की रात एक फार्म हाउस से पार्टी मनाकर लौट रहे तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर एवं पटवारी महेंद्र रजक लापता हो गए। वे सीवन नदी पर बने करबला पुल को पार कर रहे थे। लगातार बारिश के कारण करबला पुल पर ऊपर से पानी बह रहा था और तहसीलदार एवं पटवारी की आई20 कार तेज बहाव में बह गई।
मंडी थाने में दर्ज कराई थी रिपोर्ट-
तहसीलदार का नहीं चल सका पता-
हादसे में लापता हुए तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का अब तक पता नहीं चल सका है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि वे बहकर पार्वती नदी में भी जा सकते हैं। दरअसल करबला पुल पर पानी का बहाव तेज होने के कारण उनकी आई20 गाड़ी बह गई थी। सीवन नदी पार्वती नदी में मिलती है। इसके कारण संभावनाएं जताई जा रही हैं कि तहसीलदार पार्वती नदी में भी बहकर जा सकते हैं। ऐसे में रेस्क्यू करने में खासी परेशानियां भी आ रही हैं।
चार लोग एक साथ निकले थे दो घर पहुंचे, दो बहे-
भोपाल-इंदौर हाईवे के पास स्थित रफीकगंज में एक फार्म हाउस पर तहसीलदार, पटवारी अपने दोस्तों के साथ पार्टी मनाने के लिए गए थे। पार्टी मनाने के बाद नरेंद्र ठाकुर और महेंद्र रजक आई 20 कार में एवं उनके साथ पार्टी में गए राहुल आर्य और महेंद्र शर्मा एक दूूसरी कार में सवार हो गए। दोनों कारें एक साथ फार्म हाउस से निकलीं थीं। इसके बाद राहुल आर्य और महेंद्र शर्मा तो अपने घर पहुंच गए, लेकिन तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर और पटवारी महेंद्र रजक सुबह तक घर नहीं पहुंचे। दोनों के फोन भी बंद हो गए थे। सुबह जब परिजनों ने उनका पता किया तो फोन बंद था और कहीं पर भी उनका पता नहीं चल सका। इसके बाद नरेंद्र ठाकुर और महेंद्र रजक के परिजनों ने मंडी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू कर दी थी।
पटवारी महेंद्र रजक की हुई अंत्येष्टि-
बुधवार सुबह सीवन नदी में पटवारी महेंद्र रजक का शव मिलने के बाद दोपहर में उनकी सीहोर स्थित विश्राम घाट पर अंत्येष्टि कर दी गई। इस दौरान वहां मौजूद लोगों की आंखें नम थी। अंत्येष्टि में सीहोर जिले की तहसीलों में पदस्थ पटवारी भी शामिल हुए एवं अपने साथी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इधर तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर के परिजनों को अब भी आस है कि उनका बेटा वापस आएगा। सब ईश्वर से प्रार्थना करने में जुटे हुए हैं। हालांकि तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। नरेंद्र ठाकुर मध्यप्रदेश तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
तीन माह पहले ही बेटा हुआ-
पटवारी महेंद्र रजक सीहोर निवासी हैं, लेकिन वर्तमान में वे जिले की नसरूल्लागंज तहसील में पदस्थ थे। उनकी पत्नी भी पटवारी हैं एवं उनकी पांच साल की बेटी एवं तीन माह का बेटा भी है। तीन माह पहले बेटे के जन्म पर घर में खुशियां मनाई गर्इं थीं, लेकिन अब घर में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
लंबे समय से उठ रही है पुल पर रैलिंग की मांग-
सीहोर स्थित सीवन नदी पर बने करबला पुल पर लंबे समय से रैलिंग की मांग उठाई जा रही है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी जिम्मेदारों से मांग की गई है, लेकिन अब तक पुल पर रैलिंग नहीं लगाई जा सकी है। जिस पुल से तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर की गाड़ी बही है उस पुल पर हर साल बारिश में यही स्थिति बनती है। पुल के उपर से पानी जाता है, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई सुध नहीं ली गई है।
इनका कहना है-
एसडीईआरएफ की टीम द्वारा लगातार तलाश के दौरान 17 अगस्त को सुबह पटवारी महेंद्र रजक का शव सीहोर से तीन किलोमीटर दूर ग्राम सेवानियां के समीप मिला है। तहसीलदार की तलाश भी लगातार की जा रही है, लेकिन अब तक उनका पता नहीं चल सका है।
– कुलदीप मलिक, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट, एसडीईआरएफ