किसान भाइयों के लिए जरूरी खबर… समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन का 28 फरवरी अंतिम दिन
सीहोर। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन का अंतिम दिन 28 फरवरी है। इसके बाद किसान गेहूं का पंजीयन नहीं करा सकेंगे। इधर चना, मसूर एवं सरसों की बिक्री के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 10 मार्च तय कर दी गई है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गेहूं विक्रय करने के लिए किसानों का पंजीयन स्वयं के मोबाइल, कम्प्यूटर, ग्राम पंचायतों के सुविधा केन्द्र, सहकारी समिति, महिला स्व-सहायता समूह, एफपीओ, एफपीसी केन्द्रों पर निःशुल्क पंजीयन किया जा रहा है। जिले में लोकसेवा, एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर केन्द्रों पर निजी व्यक्तियों द्वारा सायबर कैफे पर 50 रूपए शुल्क जमा कराकर 28 फरवरी तक प्रातः 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक पंजीयन करवा सकते हैं। सीकमी, बटाईदार एवं वन पट्टाधारी किसानों के पंजीयन सहकारी समिति, महिला स्व-सहायता समूह, एफपीओ, एफपीसी केन्द्रों पर किए जाएंगे। किसानों का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा, जब भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। दस्तावेजों में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। गेहूं पंजीयन के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से या बायोमैट्रिक डिवाइस से किया जाएगा। किसान के परिवार में जिन सदस्यों के नाम भूमि होगी वे सभी अपना पृथक-पृथक पंजीयन कराएं। किसान भूमि अगर अन्य जिले में है तो उस जिले में पंजीयन कराया जाएगा। किसानों को फसल बेचने के लिए एसएमएस की अनिवार्यताः को समाप्त कर दिया गया है। किसान फसल बेचने के लिए निर्धारित ई-पंजीयन पोर्टल पर अपने नजदीक के उपार्जन केन्द्र एवं तिथि तथा समय का चयन कर स्लाट बुक कर गेहूं का विक्रय कर सकेंगे।
किसान चना, मसूर एवं सरसों के लिए 10 मार्च तय-
रबी विपणन वर्ष-2023-24 में ई भारत सरकार के प्राइस सपोर्ट स्कीम योजना अंतर्गत ई-उपार्जन पोर्टल पर फसल चना, मसूर एवं सरसों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि अब 10 मार्च 2023 तय की गई है। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने बताया की चना, मसूर एवं सरसों के पंजीयन तिथि पूर्व में 25 फरवरी निर्धारित की गई थी, जिसे राज्य शासन ने अब 10 मार्च 2023 तक बढ़ा दी है।
फसल के सत्यापन 3 मार्च तक के निर्देश-
पंजीकृत किसानों के रकबा एवं बोई गई फसल का अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदार, नायब तहसीलदार के माध्यम से निर्धारित श्रेणी वार सत्यापन किया जाना है। विगत वर्ष के पंजीयन से 50 प्रतिशत अधिक रकवा वाले, 04 हेक्टेयर से अधिक रकबा वाले किसानों, सिकमी, बटाईदार, कोटवार किसान, कृषक के आधार नंबर एवं खसरे में नाम में भिन्नता, अन्य के स्वामित्व की भूमि,एवं अन्य सभी निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत सत्यापान किया जाएगा। सत्यापान कार्य 03 मार्च 2023 तक की अवधि मे पूर्ण किया जाना है। इस संबंध में गत दिवस कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसलदारों को निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशानुसार सत्यापन की प्रक्रिया पूर्व वर्ष की भांति रहेगी। किसान पंजीयन में किसान का नाम एवं भू-अभिलेखों में दस्तावेजों में नाम का मिलान कराया जाए। किसान पंजीयन में भूमि का रकबे मिलान राजस्व रिकार्ड एवं बोई गई फसल का मौके पर सत्यापन राजस्व विभाग के मैदानी अमले से कराया जाए और सिकमी, बटाईदार किसान एवं अन्य के स्वामित्व की भूमि की श्रेणी में पंजीकृत किसान एव रकवे की पुष्टि वास्तविक भू-स्वामी से बोई गई फसल की मौके पर सत्यापन कर अनुबंध एवं अन्य दस्तावेजों का परीक्षण किया जाए। वन पट्टाधारी किसानों के रकबे, फसल की किस्म का सत्यापन वन विभाग के अमले द्वारा किया जाए। सत्यापन के उपरांत ही कृषकों से खरीदी की कार्रवाई की जाती है। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि सत्यापन की कार्रवाई पूरी गंभीरता से की जाए। सत्यापन में पाई गई स्थिति अनुसार ही कृषक के सत्यापन में बोई गई फसल व पंजीयन में दर्शई गई फसल के रकबे में अंतर नहीं पाया जाता है तो सत्यापन करें, अंतर पाए जाने पर पोर्टल पर संशोधन की कार्यवाही आपके लॉगिन से दर्ज कर सत्यापित/असत्यापित करें। इस कार्य को प्राथमिकता से समय सीमा में पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करें।