लेह में दौडी भारत की पहली हाइड्रोजन ईंधन वाली बस
भविष्य का वाहन: हर एक बस की कीमत ढाई करोड
लेह। भविष्य के परिवहन की दिशा में अहम मुकाम हासिल करते हुए शनिवार को भारत की पहली हाईड्रोजन ईंधन वाली बस लेह की सडकों पर दौड पडी। केंद्र शासित प्रदेश और पर्वतीय इलाके लद्दाख में इसका कमर्शियल ट्रायल सफल रहा। भारत की सबसे बडी उर्जा निर्माता कंपनी एनटीपीसी के इस प्रोजेक्ट में हाईड्रोजन ईंधन वाली पांच बसें लेह प्रशासन को उपलब्ध कराई गई हैं। बसों को ईंधन और उर्जा आपूर्ति के लिए पंप सहित 17 मेगावाट का प्लांट भी बनाया गया है। इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लेह प्रशासन ने 75 एकड जमीन लीज पर दी है।
हर एक बस ढाई करोड की
प्रोजेक्ट के लिए बसें अशोक लीलैंड ने तैयार की हैं। हर एक बस की कीमत करीब ढाई करोड रुपए है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि हर बस की सवारी में उतना ही खर्च आएगा, जितना नौ मीटर लंबी डीजल बस में आता है। यदि इससे ज्यादा खर्च बैठेगा तो उसका भार यात्री पर नहीं डाला जाएगा, बल्कि उसे एनटीपीसी वहन करेगी।
प्रधानमंत्री ने की थी घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में ऐलान किया था कि उनका विजन है कि लद्दाख को कार्बन मुक्त क्षेत्र बनाया जाए। उनकी घोषणा के दो साल के भीतर कार्बन रहित बस लेह की सडकों पर दौडने लगी हैं।
असली परीक्षा होगी ठंड में
यह पहला मौका है जब हाईड्रोजन से चलने वाले वाहन को सडक पर उतारा गया है। यह इसलिए भी खास है क्योंकि इसे 11 हजार 500 फीट की उंचाई पर चलाया गया, जहां आक्सीजन का स्तर बेहद कम होता है। हालांकि इन वाहनों की असली परीक्षा ठंड के दिनों में होगी, जब तापमान जमाव बिंदु से 20 डिग्री तक नीचे चला जाता है।