फर्जी वोटर पकडऩे के बजाए खुद करने लगे लापरवाही, गिरी गाज

सीहोर। मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने और फर्जी वोटरों पर लगाम लगाने के कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। एसडीएम तन्मय वर्मा ने निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अनदेखी करने पर एक बीएलओ को तत्काल निलंबित कर दिया है, वहीं पाच अन्य बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। प्रशासन की यह त्वरित कार्रवाई इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आगामी चुनावों को देखते हुए मतदाता पुनरीक्षण के कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी।
निलंबन की कार्रवाई ग्राम छतरपुरा के बीएलओ प्रवीण श्रीवास्तव पर हुई है। उन्हें मतदाता नामावली की गहन मेपिंग का डाटा समय पर उपलब्ध नहीं कराने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसके अतिरिक्त जिन पांच अन्य बीएलओ को नोटिस जारी किए गए हैं वे पुनमचन्द्र तिवारी ग्राम बरखेड़ा हसनद्ध, धरमसिंह वर्मा ग्राम जानपुर बावडिय़ा, गोविंद सिंह झलावा ग्राम शेखपुरा, सुनील गिरोठिया मतदान क्रमांक 240 सीहोर और विश्वजीत राय मुंगावली शामिल हैं।
समय पर उपलब्ध नहीं कराया डाटा
सीहोर नगर तहसीलदार अमित सिंह ने पुष्टि की कि यह कार्रवाई निर्वाचन नामावली गहन पुनरीक्षण 2025 के तहत वर्ष 2003 के पुराने डाटा से वर्तमान मतदाताओं के विवरण की मेपिंग का डाटा निर्धारित समय पर निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराने के कारण की गई है।
फर्जी वोटरों की चुनौती
यह अभियान तब शुरू हुआ जब विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में गड़बड़ी और फर्जी वोटरों को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र ने 12 सितंबर को सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र भेजकर 2003 के डाटा के साथ वर्तमान 2025 की सूची की गहन मेपिंग को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का निर्देश दिया था।
फर्जी वोटरों को कटाना है
राजस्व विभाग और बीएलओ द्वारा किए जा रहे इस अति.संवेदनशील मेपिंग कार्य का सीधा उद्देश्य मतदाता सूची से दोहरी प्रविष्टियों और फर्जी वोटरों को हटाकर सूची को ठीक से बनाना है। एसडीएम द्वारा इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया कि इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Exit mobile version