बैंक खाते खरीदकर साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, आरोपी गिरफ्तार

सीहोर। कोतवाली पुलिस ने साइबर अपराध के विरुद्ध एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने लोगों को पैसों का प्रलोभन देकर उनके बैंक खाते खरीदने और उन खातों के जरिए साइबर फ्रॉड को अंजाम देने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। मामले में पुलिस ने राजस्थान के जोधपुर से दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
पुलिस के अनुसार 22 दिसंबर को फरियादी रितिक वर्मा निवासी ग्राम सेवनिया मंडी ने एक शिकायती आवेदन दिया था। फरियादी ने बताया था कि आरोपियों ने साइबर फ्रॉड के जरिए उसके साथ धोखाधड़ी की है। शिकायत पर गंभीरता दिखाते हुए कोतवाली पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।
कमीशन का लालच देकर खरीदते थे खाते
जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि यह गिरोह स्थानीय लोगों को मोटा कमीशन देने का लालच देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाता था या उनसे खाते खरीद लेता था। इन खातों का उपयोग देशभर में होने वाली साइबर ठगी का पैसा मंगवाने के लिए किया जाता था। जैसे ही ठगी की राशि खाते में आती थी, आरोपी एटीएम के माध्यम से उसे निकाल लेते थे और पहचान छिपाने के लिए उस पैसे को अन्य खातों में ट्रांसफर कर देते थे।
जोधपुर से दबोचे गए दो आरोपी
कोतवाली थाना पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए राजस्थान के जोधपुर में दबिश दी। पुलिस ने वहां से मुख्य आरोपी विष्णु साहू और विष्णू खावा दोनों निवासी जोधपुर को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से वारदात में प्रयुक्त मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड भी बरामद किए गए हैं।
इन आरोपियों की है तलाश
पुलिस द्वारा दर्ज मामले में कुल पांच आरोपी नामजद हैं, जिनमें रोहित निवासी दिवडिय़ा इछावर, कपिल वर्मा निवासी दिवडिय़ा इछावर, अंकित निवासी सीहोर, विष्णु साहू निवासी जोधपुर राजस्थान, विष्णू खावा निवासी जोधपुर राजस्थान शामिल हैं।
पुलिस की अपील
कोतवाली पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति को पैसों या कमीशन के लालच में अपना बैंक खाता, पासबुक, आधार कार्ड या एटीएम कार्ड न दें। आपके खाते का उपयोग बड़ी साइबर ठगी या आतंकी फंडिंग जैसे गंभीर अपराधों में किया जा सकता है, जिससे आप मुश्किल में पड़ सकते हैं।



