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समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना अधिकारियों की जिम्मेदारी: कलेक्टर

सीहोर। जिले के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक शासन की लोक-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना संबंधित अधिकारियों की नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी है। शासन की मंशा के अनुरूप पात्र व्यक्तियों को लाभ दिलाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह निर्देश कलेक्टर बालागुरू के. ने सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
कलेक्टर ने आगामी मुख्यमंत्री कन्या विवाह सम्मेलनों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी पात्र हितग्राहियों को समय पर लाभ सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने दिव्यांग बच्चों की शिक्षा एवं पुनर्वास की स्थिति पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षाए प्रशिक्षण एवं पुनर्वास सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएं।
बैठक में दिव्यांगजनों को स्वरोजगार से जोडऩे, दिव्यांग छात्र-छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने तथा दिव्यांगजनों के चिन्हांकन हेतु स्क्रीनिंग कार्य की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय निर्देशानुसार चिन्हांकन कार्य समयबद्ध एवं प्रभावी रूप से पूर्ण किया जाए, ताकि वास्तविक पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ मिल सके।
पेंशन योजना की समीक्षा
पेंशन योजनाओं की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कड़े निर्देश दिए कि वृद्धावस्था पेंशन सहित सभी पेंशन योजनाओं से कोई भी पात्र हितग्राही वंचित न रहे। उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में सक्रिय रहने और गांवों का भ्रमण कर पेंशन हितग्राहियों की जानकारी लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना अधिकारियों का काम है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से छूट न जाए।
प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत
बैठक में विभाग द्वारा वर्ष 2025 की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जानकारी दी गई कि जनवरी 2025 से अब तक जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केन्द्र सीहोर में 1016 नवीन हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है तथा 4911 हितग्राहियों का नियमित फॉलोअप किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत 516 दिव्यांगों को फिजियोथेरेपी, 197 को सायकोलॉजी, 424 को मोबिलिटी ट्रेनिंग तथा 833 को वोकेशनल काउंसलिंग प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त 434 को ऑडियोलॉजी ट्रीटमेंट, 101 को सहायक उपकरण वितरित किए गए और 129 दिव्यांगजनों के रेलवे कार्ड बनाए गए। साथ ही जिले में 1199 दिव्यांगजनों के यूनिवर्सल कार्ड भी जनरेट किए गए हैं।

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