ई-अटेंडेंस के विरोध में संयुक्त मोर्चे ने सौंपा ज्ञापन, आदेश निरस्त किए जाने की मांग
एप के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति से शिक्षकों में भारी रोष
Sumit Sharma
सीहोर। शिक्षक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर निकाले गए आदेश को निरस्त करने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आगामी 1 जुलाई 2025 से शिक्षकों को चेहरा दिखाकर सार्थक एप के माध्यम से ई-अटेंडेंस लगाने की तैयारी चल रही है। इसके पूर्व में भी केवल शिक्षा विभाग पर ही ई-अटेंडेंस व्यवस्था लागू करने के प्रयास किए गए हैं। इससे समाज में शासकीय विद्यालयों में सेवाएं दे रहे संपूर्ण शिक्षक वर्ग पर ईमानदारी से कार्य न करने का संदेश जाता है, जबकि शिक्षक, शिक्षकीय दायित्यों, संस्थागत कार्यों एवं विभिन्न विभागीय गतिविधियों के सफलतापूर्वक निर्वहन के साथ-साथ समय-समय पर होने वाले राष्ट्रहित, प्रदेश हित व समाज हित के कार्यों में भी अपनी प्रामाणिकता सिद्ध कर चुके हैं। चूंकि शिक्षक राष्ट्र निर्माता के रूप में समाज की दिशा व दशा बदलने का कार्य करते हैं। साथ ही शिक्षकों का समाज में एक सम्मानजनक स्थान होता है। ऐसे में सिर्फ शिक्षा विभाग हेतु ई अटेंडेंस लागू किए जाने से उनके ईमानदारी व निष्ठा से कार्य करने पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है। बारिश के दिनों में नदी नाले उफान पर होने से ई-अटेंडेंस की हड़भड़ाहट में कोई भी दुर्घटना घटित हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में टावर न होने के कारण इंटरनेट की सुविधा नहीं मिल पाती है, जिससे ऑनलाईन उपस्थिति नहीं लगने की स्थिति निर्मित होगी। इसके अतिरिक्त कई शिक्षक मोबाइल फ्रेंडली भी नहीं है। इससे वे ऑनलाईन उपस्थिति नहीं लगा पाएंगे, जिससे वे मानसिक रूप से परेशान होंगे। ऑनलाइन उपस्थिति प्रक्रिया लागू किए जाने से पूर्व शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से पूर्णरूप से मुक्त किया जाना एवं कार्यक्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना अत्यंत आवश्यक है। मांग की गई है कि मूलभूत सुविधाएं प्रदत्त करते हुए सार्थक एप के माध्यम से ई अटेंडेंस शिक्षा विभाग के साथ-साथ शासन के अन्य समस्त विभागों पर भी समान रूप से लागू किया जाना चाहिए अन्यथा ऐसी स्थिति में ई- अटेंडेंस ऑनलाईन उपस्थिति का आदेश पूर्णत: निरस्त किया जाए। ई-अटेंडेंस के विरोध में शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से विनोद उपाध्याय मप्र तृतीय वर्ग शा. कर्मचारी संघ, कुंदन राय जिलाध्यक्ष मप्र राज्य कर्मचारी संघ, दिवाकर सिंह जिलाध्यक्ष मप्र शिक्षक संघ, सतीश त्यागी कार्यकारी महासचिव, संजय सक्सेना जिलाध्यक्ष प्रांतीय शिक्षक संघ, विश्वजीत त्यागी जिलाध्यक्ष राज्य शिक्षक संघ, मुकेश कुशवाह जिलाध्यक्ष शासकीय शिक्षक संघ, सिद्धू सिंह ठाकुर, एनओपीएस, सवाई सिंह परिहार प्रांतीय मीडिया प्रभारी, प्रदीप नागिया, राजेंद्र परमार, चन्दर सिंह ठाकुर, रकीब खान, विनोद प्रजापति, महेन्द्र बाथम, शैलेन्द्र चौहान, नरेश मेवाड़ा, अर्जुन सिंह, हेमंत मालवीय, नरेश सवासिया, हेमलता सेंगर, सुनीता ठाकुर, कोमल मालवीय, रजनी राठौर, मांगीलाल विश्वकर्मा, सूरज सिंह परमार, राजेन्द्र बड़ोदिया, अलोक श्रीवास्तव, बद्री प्रसाद वर्मा, बीसी कीर, नूर खान, कैलाश मालवीय, दिलीप मण्डलोई, कमलसिंह, मानसिंह केलवा आदि अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।