
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के विश्रामघाट के समीपस्थ प्रसिद्ध मरीह माता मंदिर में गुप्त नवरात्र के अंतिम दिवस भड़ली नवमी पर मंगलवार को यहां पर श्रद्धालुओं के द्वारा अनुष्ठान किया गया। इस दौरान कन्या पूजन करने के साथ ही खीर-पुडी आदि पकवानों का भोग लगाकर मातारानी की पूजा-अर्चना की गई। कन्या-पूजन कर उन्हें भोजन करवाकर उपहार भेंट कर अनुष्ठान किया। एक दिन पूर्व महाअष्टमी पर मंदिर परिसर को आकर्षक रोशनी से सजाया गया और महाआरती में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और प्रसाद प्राप्त किया।
भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था. पंडित श्री शर्मा ने कहा कि पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था। मां सिद्धिदात्री की अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाएं. मां दुर्गा के नौ रूपों में यह रूप अत्यंत ही शक्तिशाली रूप है। कहा जाता है कि, मां दुर्गा का यह रूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। कथा में वर्णन है कि जब दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागण भगवान शिव और भगवान विष्णु के पास पहुंचे। तब वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ और उसी तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ, जिसे मां सिद्धिदात्री कहा जाता है।
नौ दिन तक की मां के विभिन्न स्वरूपों की आराधना
जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि मरीह माता मंदिर पर हर नवरात्रि पर भव्य आयोजन किया जाता है। नौ दिवसीय गुप्त नवरात्रि पर यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं के द्वारा विशेष अनुष्ठान किया गया था, महाष्टमी और नवमीं पर दो दिन कन्या भोज का आयोजन किया गया। वहीं मंगलवार को सप्तशती पाठ के पश्चात पुर्णाहुति दी गई।