नई दिल्ली। मानसून सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन है। हंगामेदार रहे सत्र के बाद आखिरी दिन अपनी बात रखने खडे हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने सभापति से उनका माइक बंद न करने की अपील की। उन्होंने लोकसभा नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को गैरजरूरी कार्रवाई बताते हुए विरोध किया। इससे पहले सत्र के आखिरी दिन सदन में उन सांसदों को विदाई दी गई, जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। सभापति जगदीप धनखड़ के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विदाई दी।
पता नहीं हम दोबारा मिलेंगे या नहीं
खड़गे ने सभापति से कहा ‘पता नहीं कि दोबारा हम मिलेंगे या नहीं, हमारी उम्र हो रही है।’ जब सभापति ने कहा कि अपने मन की बात कीजिए तो खड़गे ने कहा कि दिल की बात करूंगा, मन की बात तो मोदी जी करते हैं। इस पर सभापति ने कहा कि दिल से मन की बात कर लीजिए। शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के 2 मिनट बाद ही हंगामे के चलते स्थगित हो गई। राज्यसभा में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन का मुद्दा उठा। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी सदस्यों के निलंबन का मुद्दा उठाया। हाथ जोड़ते हुए सभापति जगदीप धनखड़ से कहा, ‘प्लीज मेरा माइक बंद न करें।’ दरअसल, जैसे ही खड़गे बोलने के लिए उठे सभापति उन्हें रोकने लगे।
लोकसभा में गिरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव
मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था। पूरे सत्र में विपक्ष ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर जमकर हंगामा किया। वे पीएम मोदी से मणिपुर पर बोलने की मांग कर रहे थे। इसके लिए विपक्ष ने 26 जुलाई को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया था। अगले दिन यानी 27 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
उधर, गुरुवार ( 10 अगस्त) को पीएम मोदी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया। मोदी ने 2 घंटे 12 मिनट का भाषण दिया, जिसमें वे मणिपुर पर 1 घंटे 32 मिनट बाद बोले। पीएम ने कहा- मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कोशिशें चल रही हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरत जरूर उगेगा। मणिपुर फिर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा।