रवि प्रदोष में यहां पहुंचे लाखों श्रद्धालु, की विशेष पूजा अर्चना
सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण पुरुषोत्तम मास में रविवार को प्रदोष श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया। इस मौके पर यहां पर लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने फूलों से विशेष श्रृंगार किया और यहां पर स्थित पवित्र शिला पर जल अर्पित कर जगत की कामना की। इससे पहले सुबह पंडित प्रदीप मिश्रा ने रवि प्रदोष पर महा आरती की। रविवार को छुट्टी होने के कारण लाखों की संख्या में श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पर पहुंचे। मंदिर से इंदौर-भोपाल हाईवे के दो किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लगी हुई थी। जाम की स्थिति को देखते हुए यातायात और पुलिस सहित समिति ने ट्राफिक व्यवस्था संभाली। इस मौके पर समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला आदि ने प्रसादी व्यवस्था संभाली और यहां पर आए श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि इन दिनों कुबेरेश्वरधाम पर नियमित रूप से सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक अभिमंत्रित रुद्राक्षों का वितरण किया जा रहा है। रविवार को करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं को यहां पर बने काउंटरों से रुद्राक्ष वितरण किए।
शिव प्रदोष स्तोत्र का पाठ करें –
श्रावण पुरुषोत्तम मास में प्रदोष है। इस रवि प्रदोष व्रत करने से आय, आयु और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साथ ही मानसिक और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। अतः शिव भक्त श्रद्धाभाव से देवों के देव महादेव की पूजा उपासना करते हैं। साथ ही पूजा के समय शिव प्रदोष स्तोत्र का पाठ करें। इस स्तोत्र के पाठ से साधक की सभी मनोकामनाएं धीरे-धीरे पूर्ण हो जाती हैं।
एकादशी पर लगा श्रद्धालुओं का कुंभ –
कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास एवं अधिक मास महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में आ रहे हैं। गत दिवस एकादशी होने के कारण करीब डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की भव्य प्रतिमा के दर्शन किए, वहीं भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की। इस मौके पर आगामी 16 अगस्त को निकाली जाने वाली भव्य कावड़ यात्रा को लेकर यहां पर मौजूद ग्रामीणों और शहरवासियों से भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में चर्चा की गई। यहां पर मौजूद समिति के पदाधिकारियों ने आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया। हर रोज हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को समिति के द्वारा प्रसादी का वितरण किया जाता है।
एकादशी का इसलिए महत्व-
अधिकमास पर आने वाली एकादशी पुरुषोत्तमी एकादशी भगवान श्रीकृष्ण ने उत्तम तिथियों में से एक कहा है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सुख, सौभाग्य में वृद्धि होती है और भगवान विष्णु के साथ श्रीमहालक्ष्मी की अनुकूल कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों के अनुसार पुरुषोत्तमी एकादशी व्रत करने से संतान, यश और बैकुंठ की प्राप्ति होती है। इस दिन घर में जप करने का एक गुना, गौशाला में जप करने पर सौ गुना, पुण्य क्षेत्र तथा तीर्थ में हजारों गुना, तुलसी के समीप जप-तथा जनार्दन की पूजा करने से लाखों गुना, शिव तथा विष्णु के क्षेत्रों में करने से करोड़ों गुना फल प्राप्त होता है। इस तिथि पर करीब डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने उत्साह और आस्था के साथ विशेष अनुष्ठान किया। शाम को आरती का आयोजन भी किया गया था। इस संबंध में जानकारी देते हुए विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि आगामी 16 अगस्त को लगातार दूसरी साल शहर के सीवन तट से करीब 11 किलोमीटर तक निकाली जाने वाली यह कांवड यात्रा क्षेत्र वासियों ने लिए संजीवनी से कम नहीं है। यात्रा में शामिल होने के लिए पांच लाख से अधिक कांवड़ यात्री शहर में आकर आस्था और उत्साह के साथ कुबेरेश्वरधाम पर पहुंचेंगे। आयोजन में भागीदारी देने के लिए ब्राह्मण समाज, अग्रवाल समाज, मारवाड़ी महिला मंडल, परमार समाज, मेवाड़ा समाज सहित अन्य समाज के जनप्रतिनिधियों ने अभी तक अपने-अपने यात्रा मार्ग पर पोहे, फलहारी खिचड़ी, ठंडाई, शरबत, पेयजल आदि के स्टाल लगाए जाने के लिए संपर्क किया है। शहर के जगदीश मंदिर पर परमार समाज की ओर से तुलसीराम पटेल सहित समाजजन अपना स्टाल आदि लगाएंगे। इसके अलावा श्रीराधेश्याम विहार कालोनी, इंदौर नाका, लीसा टाकीज चौराहा, तहसील चौराहा, कोतवाली चौराहा, गाड़ी अड्डा, सोया चौपाल आदि पर भी श्रद्धालुओं के स्वागत के साथ अन्य व्यवस्था की जाएगी। समिति के द्वारा सभी क्षेत्रवासियों इस भव्य कावड़ यात्रा में शामिल होने की अपील की है।