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रिसॉर्ट के लिए जमीन, गरीब की झोपड़ी के लिए नहीं, ऐसा नहीं चलेगा : शिवराज सिंह चौहान

- आदिवासियों की दीवाली की खुशियों में वन विभाग के नोटिस बने टेंशन

सीहोर। जिले के आदिवासी दीपावली की तैयारियों और खुशियों में मस्त थे, लेकिन उसी दौरान वन विभाग एवं वन विकास निगम के नोटिस पहुंचे तो उनकी दीवाली टेंशन में मनी। अब आदिवासियों ने इन नोटिस एवं अपनी मांगों को लेकर जिले के भैरूंदा में प्रदर्शन किया, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं विधायक रमाकांत भार्गव भी शामिल हुए। इससे पहले आदिवासी क्षेत्रों से करीब 10 हजार आदिवासी भैरूंदा में जुटे एवं वन विभाग एवं वन विकास निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया एवं ज्ञापन भी सौंपा। इधर केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अमीरों के रिसॉर्ट के लिए जमीनें हैं, लेकिन गरीबों की झोपड़ी के लिए उन्हें नोटिस थमाए जा रहे हैं। ऐसा नहीं चलेगा यह बंद होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने आदिवासी भाई-बहनों को आश्वस्त किया है कि पुराने कब्जेधारियों को हटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के पास परिवार के भरण-पोषण के लिए वन भूमि है, जिसमें वे खेती करके अपना जीवन यापन चला रहे हैं। बच्चों को पढ़ा-लिखा रहे हैं। आदिवासी इन जमीनों पर 70 से अधिक वर्षों से काबिज है। ऐसे में पुराने कब्जेधारियों को नहीं हटाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी चर्चा की है एवं उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि आदिवासियों को नहीं हटाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने वन विभाग को निशाने पर लिया है एवं कहा है कि वन विभाग की हठधर्मिता नहीं चलेगी।
तख्तियां लेकर पैदल निकाली रैली-
आयोजन में शामिल होने के लिए भैरूंदा पहुंचे आदिवासियों ने सेमलपानी जोड़ से दशहरा मैदान तक हाथों में तख्तियां लिए पैदल रैली निकाली। इस दौरान हमारी जमीन पर वन विभाग की बेदखली कार्यवाही नहीं चलेगी… जैसे नारे लगाए गए। रैली के बाद अनुसूचित जनजाति पंचायत कार्यक्रम में केंद्रीय कृषिमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहभागिता की और आदिवासी परिवारों के समर्थन में खुलकर बोले। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्षों से काबिज आदिवासी परिवारों को धनतेरस के दिन नोटिस थमाना अन्याय है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वन विभाग के अधिकारी ध्यान दें, पुरानी काबिज जमीनों पर समय पर बुवाई होगी। ये जमीनें इन परिवारों के भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई का सहारा है। ऐसा नहीं चलेगा कि दिवाली के दिन गरीबों के घर आंसू बहे। केन्द्र और राज्य दोनों जगह हमारी सरकार है। गरीबों का नुकसान बर्दाश्त नहीं होगा। कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने भावुक होते हुए कहा कि जहां पूरा देश दिवाली की खुशहाली मना रहा था, वहीं इन बहन-बेटियों की आंखों में आंसू थे। अधिकारियों ने गलत किया, इनके बच्चों को हाय लगेगी। इनकी आंखों में तो शिवराज खटक रहा है।
रिसॉर्ट के लिए जमीन, गरीब की झोपड़ी के लिए नहीं-
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बुधनी क्षेत्र की जमीनों पर कुछ बड़े लोगों की नजर है। ये अमीर लोग जंगल क्षेत्र में रिसॉर्ट बनाना चाहते हैं, जब अमीरों को जमीन चाहिए तो तुरंत मिल जाती है, लेकिन जब गरीब आदिवासी अपनी झोपड़ी बनाना चाहते हैं तो नोटिस दे दिए जाते हैं। ये अन्याय बंद होना चाहिए। श्री चौहान ने आदिवासी समुदाय से एकजुट रहने की अपील करते हुए कहा एक लकड़ी अलग होगी तो टूट जाएगी, लेकिन गठ्ठा बने रहोगे तो कोई नहीं तोड़ पाएगा। शिवराज आज है, कल नहीं रहेगा, इसलिए अपने हक की लड़ाई खुद लड़ना सीखो। गांव-गांव टीम बनाओ और एक-दूसरे की मदद करो। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं से नशे से दूर रहने और समाज सुधार में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ परिवारों को तोड़ रहे हैं, युवाओं को इनके सेवन से बचना चाहिए।
ज्ञापन सौंपकर की मांग-
कार्यक्रम के समापन पर आदिवासी प्रतिनिधियों ने वन मंडल अधिकारी और एसडीएम सुधीर कुशवाहा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बेदखली की कार्रवाई रोकने और भूमि पर खेती करने की अनुमति देने की मांग की गई। इस दौरान बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव, जिला अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, पूर्व जिलाध्यक्ष रवि मालवीय, रघुनाथ भाटी, नगर परिषद अध्यक्ष मारुति शिशिर, मंडल अध्यक्ष आशीष शर्मा, आदिवासी नेता देवीसिंह धुर्वे सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे।

 

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