नई दिल्ली। दुनिया के 20 दिग्गज देशों के नेता नई दिल्ली में जी—20 शिखर सम्मेलन के लिए जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट के दूसरे सत्र की शुरुआत में ये ऐलान किया कि ‘नई दिल्ली G-20 लीडर्स डेक्लरेशन’ पर सभी देशों की सहमति बनी है और वह इसे मंजूर करने की घोषणा करते हैं। इस घोषणा पर सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। रूस-यूक्रेन युद्ध की छाया में हो रहे इस सम्मेलन में संयुक्त घोषणापत्र पर आम सहमति बनाना मेजबान भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक परीक्षा पास करने जैसा है। डिक्लेरेशन पास होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सभी देशों ने नई दिल्ली घोषणा पत्र मंजूर किया है। सभी लीडर्स ने माना है कि जी20 राजनीतिक मुद्दों को चर्चा का प्लेटफॉर्म नहीं है। लिहाजा अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम मुद्दों पर विमर्श किया गया है। इस घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग का 4 बार जिक्र हुआ है।
ये है घोषणापत्र का सार
- एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य पर जोर दिया जाएगा।
- ग्रीन और लो कार्बन एनर्जी टेक्नोलॉजी पर काम किया जाएगा।
- सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए।
- दुनिया में तेजी से विकास करने वाले शहरों को फंड किया जाएगा।
- मल्टीलैट्रल डेवलपमेंट बैंको को मजबूती दी जाएगी। उन्हें बेहतर, बड़ा और ज्यादा कारगर बनाया जाएगा।
- बायो फ्यूल अलायंस बनाया जाएगा। इसके फाउंडिंग मेंबर भारत, अमेरिका और ब्राजील होंगे।
- सभी देश सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल पर काम करेंगे। भारत की पहल पर वन फ्यूचर अलायंस बनाया जाएगा।
- क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक ग्लोबल पॉलिसी बनाने को लेकर बातचीत की जाएगी।
- ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर जोर दिया जाएगा।
- कर्ज को लेकर बेहतर व्यवस्था बनाने को लेकर भारत ने कॉमन फ्रेमवर्क बनवाने की बात पर जोर दिया है।
- सभी देशों ने आतंकवाद के हर रूप की आलोचना की है। आतंकवाद का 9 बार जिक्र किया गया।