कांग्रेस के खाटी नेताओं-कार्यकर्ताओं का पार्टी से मोहभंग, कांग्रेसमय हो रही भाजपा
बुधनी विधानसभा के केशव चौहान, नरेंद्र सिंह यादव, सुनील गौर हुए भाजपा में शामिल
सीहोर। लोकसभा चुनाव के दौरान आयोजित होने वाली जनसभाओं में लगातार कांग्रेस के नेता भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम रहे हैं। इनमें से कई तो कांग्रेस पार्टी के ऐसे खाटी नेता हैं, जो शुरू से कांग्रेस के हाथ के साथ रहे। पार्टी ने उन्हें कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंपी तो वहीं कई महत्वपूर्ण दायित्व भी दिए, लेकिन अब उनका भी कांग्रेस पार्टी से मोहभंग हो गया है। वे भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। यह क्रम यूं तो समस्त मध्यप्रदेश में चल रहा है, लेकिन विदिशा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बुधनी विधानसभा सीट पर भी यह स्थिति लगातार बनी हुई है। एक तरफ विदिशा लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रतापभानु शर्मा मैदान में डटे हुए हैं, तो वहीं उनको मजबूती देने वाले नेता ही पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेसमय हो रही है।
बुधनी के इन नेताओं ने भी ज्वाइन की भाजपा-
बुधनी विधानसभा में यूं तो कांग्रेस नेताओं का टोटा है, लेकिन जो थे वे भी अब भाजपा के साथ जा रहे हैं। रेहटी में आयोजित जनसभा के दौरान नगर के दो कांग्रेस नेता केशव चौहान एवं नरेंद्र सिंह यादव ने भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष भाजपा ज्वाइन की। पूर्व मुख्यमंत्री ने उन्हें पार्टी का गमछा पहनाकर उनका भाजपा में स्वागत किया। केशव चौहान के साथ करीब 100 कांग्रेस कार्यकर्ता भी भाजपा में शामिल हुए। इससे पहले आम आदमी पार्टी के टिकट पर सिवनी-मालवा से विधानसभा का चुनाव लड़े सुनील गौर ने भी आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन की है।
इन पदों पर रहे हैं ये नेता-
नरेंद्र सिंह यादव: नरेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस पार्टी ने कई महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे थे। वे एनएसयूआई में पर्यावरण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे तो वहीं दो बार रेहटी नगर परिषद में कांग्रेस पार्टी से पार्षद भी चुने गए। एक बार उन्हें कांग्रेस ने नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिए भी मैदान में उतारा था। हालांकि वे चुनाव हार गए थे। नरेंद्र सिंह यादव पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राजनीति के शुरूआती दिनों में भी उनके संघर्ष के साथी रहे हैं, लेकिन फिर उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन करके अब तक कांग्रेस के हाथ का साथ दिया, लेकिन अब उन्हें हाथ रास नहीं आया और अब वे भाजपा में आ गए।
केशव चौहान: कांग्रेस के नेता रहे केशव चौहान भी कांग्रेस पार्टी में कई महत्वपूर्ण दायित्वों पर रहे। वे यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई, पीसीसी सहित संगठन में भी कई पदों पर रहे। लगभग 12 वर्षों तक बुधनी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाला। पीसीसी में प्रदेश सचिव रहे। सेवादल के साथ जिला कांग्रेस प्रवक्ता भी रहे। सलकनपुर ट्रस्ट के डायरेक्टर भी रहे हैं। भाजपा ज्वाइन करने को लेकर उन्होंने कहा कि वे देश के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की जनहितैषी योजनाओं, कश्मीर से धारा 370 हटाने, श्रीराम मंदिर का निर्माण, श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए हैं। कांग्रेस ने श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का आमंत्रण ठुकराकर महापाप किया है।
सुनील गौर: आम आदमी पार्टी के टिकट पर सिवनी-मालवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले सुनील गौर ने भी आप को छोड़कर भाजपा ज्वाइन की है। सुनील गौर आम आदमी पार्टी में प्रदेश प्रवक्ता थे। वे अपनी वाकपटुता के लिए भी जाने जाते हैं। स्पष्टवादिता उनकी खासियत है। भ्रष्टाचार के खिलाफ वे हमेशा से लड़ाई लड़ते रहे हैं और इसीलिए उन्होंने आम आदमी पार्टी भी ज्वाइन की थी, लेकिन पार्टी के नेताओं की लगातार सामने आती कारगुजारियों के चलते उन्हें पार्टी को बाय-बाय कह दिया। इससे पहले वे मजदूर-किसान संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी भी रहे हैं। अब उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली है।
कांग्रेस के लिए आत्मचिंतन का समय या अवसर-
लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से कांग्रेस के लोग पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं। वह कांग्रेस पार्टी के लिए अच्छी स्थिति नहीं है। इस समय कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा जरूरी आत्मचिंतन है। कांग्रेस पार्टी को आत्मचिंतन करना चाहिए। दूसरा पहलू कांग्रेस के लिए अवसर का भी है, लेकिन इस समय कांग्रेस को अवसरों से ज्यादा आत्मचिंतन की जरूरत है।