
सीहोर। जिला तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश स्मृता सिंह ठाकुर की अदालत ने सनसनीखेज मामले में 13 वर्षीय नाबालिग बालिका को बहला फुसलाकर दुष्कर्म करने और फिर उसे एक लाख रुपये में बेचने वाले मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास की कठोर सजा सुनाई है।
कार्यालय जिला अभियोजन अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला जावर थाना क्षेत्र का है। पीडि़ता के माता पिता ने 9 जून 2021 को जावर थाने में अपनी 13 वर्षीय बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि 8 जून 2021 की शाम करीब 6 बजे बजे उनकी बेटी घर पर नहीं मिली, जिसके बाद उन्हें शक हुआ कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसे बहला फुसलाकर ले गया है।
दुष्कर्म और 1 लाख रुपये में सौदा
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पीडि़ता को 23 जून 2021 को आरोपी भगवान सिंह गुर्जर पिता गोवर्धन सिंह गुर्जर निवासी सिमरोल थाना लिमा चौहान जिला राजगढ़ के कब्जे से राजगढ़ से दस्तयाब किया। पीडि़ता ने अपने बयान में पूरी आपबीती सुनाई। उसने बताया कि वह दोपहर में गांव में घूम रही थी, तभी प्रभु और लच्छू मोटर साइकिल से आए और उसे अच्छी जगह ऊंची जाति में शादी करा देने का झांसा देकर अपने साथ चलने को कहा।
दोनों आरोपी उसे गांव के पास क्रेशर मशीन के पास एक बड़ी टापरी में ले गए, जहां उन्होंने उसके साथ बलात्कार किया। इसके बाद प्रभु और लच्छू पीडि़ता को मोटर साइकिल पर बैठाकर रतन सिंह के घर राजगढ़ ले गए और वहां उसे दो दिन तक एक कमरे में बंद रखा। दो दिन बाद तीनों आरोपी प्रभु, लच्छू और रतनलाल ने मिलकर पीडि़ता का सौदा एक लाख रुपये में आरोपी भगवान सिंह गुर्जर से कर दिया और उसकी शादी उससे करा दी। पीडि़ता ने बताया कि भगवान सिंह गुर्जर सिमरोल स्थित अपने घर में उसे जान से खत्म करने की धमकी देकर रोज जबरदस्ती बलात्कार करता था।
न्यायालय का फैसला
पुलिस अनुसंधान के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश स्मृता सिंह ठाकुर ने अभियोजन के मजबूत तर्कों, प्रस्तुत साक्ष्यों से सहमत होते हुए आरोपी भगवान सिंह गुर्जर को दोषी करार दिया। न्यायालय ने आरोपी को धारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई एवं 1500 रुपये के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक रेखा यादव द्वारा की गई।