पंचायतों के लेटरहेड और सरपंच-सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से बांट रहे थे ऋण, प्रशासन ने मारा छापा
भैरूंदा स्थित एविओम पाठशाला निजी फायनेंस कंपनी का कारनामा
भैरूंदा। ग्राम पंचायतोें के लेटरहेड एवं सरपंच-सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से ऋण बांट रही फाइनेंस कंपनी एविओम पाठशाला पर एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों ने छापामार कार्रवाई की है। इस दौरान वहां मौजूद दस्तावेजों की जांच की गई है। यह कार्रवाई पंचायतों के सरपंचों की शिकायत के बाद की गई है। फिलहाल अधिकारी इस मामले मेें कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अभी इस मामले में जांच चल रही है। इसके बाद ही कुछ बता पाएंगे।
जानकारी के अनुसार जिले के भैरूंदा में एक निजी फाइनेंस कंपनी एविओम पाठशाला द्वारा ग्राम पंचायतों के लेटरहैड पर सरपंच, सचिव के फर्जी हस्ताक्षर एवं सील से पट्टे बांटे जा रहे हैं और फिर इस पट्टे पर फाइनेंस कंपनी द्वारा ऋण दिया जा रहा है। यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है, लेकिन अब इस मामले में कई ग्राम पंचायतों द्वारा एसडीएम, तहसीलदार एवं थाने में शिकायत की गई है कि उनके फर्जी सील, साइन से यह सब किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों ने शिकायती आवेदन की प्रतिलिपि कलेक्टर, एसपी को भी भेजी है।
अफसरों की टीम ने मारा छापा –
फाइनेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत मिलने पर एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी, तहसीलदार सौरभ शर्मा, जनपद सीईओ प्रबल अरजरिया, थाना प्रभारी घनश्याम दांगी ने मंगलवार शाम टीम के साथ में फाइनेंस कंपनी के भैरूंदा स्थित डूडी काम्पलेक्स कार्यालय पर छापामार कार्रवाई की है। इसके बाद कार्यालय को सील कर दिया गया। बुधवार सुबह से भी अधिकारी यहां पहुंचे और दस्तावेजों की जांच की। समाचार लिखे जाने तक अधिकारी दस्तावेजों की जांच में जुटे हुए थे।
गांवों में जाकर दे रहे ऋण-
फाइनेंस कंपनी द्वारा फर्जी सील, साइन से ग्रामीणों के पट्टे बनाने के बाद उनके गांव पहुंचकर उन्हें ऋण भी बांटा जा रहा है। इसके लिए कंपनी द्वारा बेहद कम पेपर लिए जा रहे हैं और ग्रामीणों को आसानी से ऋण वितरण किया जा रहा है। शिकायत के बाद अधिकारियों द्वारा माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कार्यालय में कार्यवाही से हड़कंप मच गया है। छिदगांव मोजी के सरपंच, सचिव ने बताया कि जनपद क्षेत्र में कुछ फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा सरपंच सचिव के फर्जी साइन कर प्रमाण-पत्र बनाकर ऋण पास करने का खेल किया जा रहा है।
अधिकारी नहीं दे सके कोई जानकारी-
इस संबंध में एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि फिलहाल दस्तावेजों की जांच की जा रही है और जांच के बाद ही कुछ जानकारी दे सकेंगे।