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चुनाव प्रचार से गायब हैं स्थानीय मुद्दे, स्वयं की उपलब्धियोें पर फोकस

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर जोर-शोर से चल रहा है प्रचार-प्रसार

सीहोर। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर इस समय चुनाव प्रचार जोर-शोर से है। पहले चरण का मतदान 6 जुलाई, तो दूसरे चरण का मतदान 13 जुलाई को होगा। पहले चरण में सीहोर नगर पालिका के चुनाव होंगे। इसके लिए प्रचार-प्रसार को लेकर भी प्रत्याशियों ने पूरी ताकत लगा दी है। घर-घर जाकर, व्यक्तिगत संपर्क के साथ में सामाजिक, जातिगत समीकरण पर भी कवायद चल रही है। इस बार निकाय चुनाव को लेकर प्रत्याशी मुद्दों पर फोेकस नहीं कर रहे हैं। वे या तोे अपनी उपलब्धियां लोगों को बता रहे हैैं या फिर पार्टी द्वारा किए गए कार्यों एवं योजनाओं को गिना रहे हैं। स्थानीय मुद्दे चुनाव प्रचार से पूरी तरह गायब हैं।
सीहोर नगर की सबसे बड़ी समस्या पेयजल के साथ में बरसात के दिनोें में जल भराव की रहती है। हर साल गर्मी के दिनों में लोगों को पीने के पानी की किल्लत उठानी पड़ती है। पांच-पांच दिनों में पेयजल की सप्लाई होती है। अन्य दिनों में भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। इसके अलावा बरसात के दिनों में गली-मोहल्लों सहित लोगों के घरों में भी पानी भर जाता है। इन समस्याओं को लेकर लोग वर्षों सेे परेशान हैं। हर बार चुनाव में प्रत्याशी आश्वासन देते हैं कि जीतनेे के बाद वे उनकी समस्याओं को खत्म करेंगे, लेकिन इतने वर्षों के बाद भी लोगों की यह समस्याएं जस की तस है।
कॉलोनियोें की सड़कें भी नहीं सुधरीं-
सीहोर नगर की दूसरी बड़ी समस्या कॉलोनियोें की सड़कें हैं। सीहोर की ज्यादातर कॉलोनियों की सड़कें खराब पड़ी हुई हैं। गड्ढे भी हो रहे हैं, कई जगह तोे सड़कें कच्ची ही हैं। कुछ सड़कें बनाई गईं, लेकिन वे भी इतनी घटिया बनीं कि ज्यादा समय तक नहीं टिक पाईं। अब इन सड़कों में गड्ढे भी हो रहे हैं। ऐसी स्थिति नगर के चाणक्यपुरी, अवधपुरी, इंग्लिशपुरा, कस्बा, गंगा आश्रम सहित कई अन्य कॉलोनियों की है, जहां पर सड़कें बेहद खराब स्थिति मेें हैं, लेकिन इन मुद्दोें को लेकर चुनाव प्रचार में कोई चर्चा नहीं हो रही है।
पंपलेट देकर, हाथ जोड़कर कर रहे जिम्मेदारी पूरी-
चुनाव प्रचार के लिए अपने-अपने वार्डों में प्रत्याशी जोर लगा रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस सहित निर्दलीय प्रत्याशी अपने-अपने समर्थकों के साथ अपने वार्डों की गलियों में घूम रहे हैं, वे घर-घर जा रहे हैं, रात में जातीय समीकरण बैठाने के लिए लोगों से बैठकें कर रहे हैैं। चुनाव प्रचार के लिए घर-घर जा रहे प्रत्याशी अपने वोटरों को पंपलेट देकर हाथ जोड़कर आशीर्वाद मांग रहे हैं, लेकिन लोगों की क्या समस्याएं हैैं, वे क्या चाहते हैैं उनकी कोई नहीं सुन रहा है। यह स्थिति लगभग नगर पालिका के सभी वार्डोें में हैं। निर्विरोध घोषित हो चुके वार्ड 15 में तोे लोगों में नाराजगी भी हैै। वार्ड के स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने वर्षोें के बाद नगर सरकार चुनने का अवसर मिला था, लेकिन वह भी हाथ से निकल गया। हमारी समस्याएं किसकोे बताएं, क्योंकि यहां पर तोे चुनाव ही नहीं हो रहा है।
भाजपा उम्मीदवार पार्टी तो कांग्रेस-निर्दलीय खुद के भरोसे-
चुनाव प्रचार मेें भाजपा प्रत्याशी पार्टी की उपलब्धियोें एवं सरकार द्वारा किए गए कार्यों कोे गिना रहे हैं। भाजपा प्रत्याशियों के प्रचार में चल रही गाड़ियोें में भी सरकार के कार्यों पर ही फोकस किया गया है। इधर कांग्रेस औैर निर्दलीय प्रत्याशी खुद के भरोसे चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वे खुद की उपलब्धियोें को लेकर चुनाव मैदान में उतरेे हैं।

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