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आंगनबाड़ियों में लटके ताले, कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं ने फिर शुरू की हड़ताल

- ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के टाउन हाल पर शुरू किया धरना

सीहोर। प्रदेशभर सहित जिलेभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से धरना-आंदोलन शुरू किया है। जिला मुख्यालय के टाउन हाल के पास जिलेभर की कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर एकता दिखाई। इस दौरान सभी आंगनबाड़ियों में ताले लटके रहे। धरना-प्रदर्शन को लेकर एक दिन पहले ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं ने अपनी-अपनी आंगनबाड़ी पर यह लिखकर भी टांगा था।
सोमवार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ के बैनर के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलन के पहले दिन ही जिले भर में असर देखने को मिला। आगंनबाड़ी में दर्ज हजारों बच्चों को पौषण आहार नहीं मिला। हड़ताल की जानकारी के अभाव में आंगनबाड़ियों में पहुंचे बच्चों के परिजनों को ताले लटके मिले। जिले की 1435 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचने वाली महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित 17 से अधिक जनहितैशी योजनाएं अटक गई।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भारतीय मजदूर संघ विभाग प्रमुख अनिल शर्मा भारतीय मजदूर संघ जिलाध्यक्ष विनीत दुबे एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कृष्णा परमार, जिलाध्यक्ष उषा राठौर,जिला उपाध्यक्ष महनाज खान ने संबोधित किया। संघ सचिव मालती यादव, उप सचिव संगीता राठौर, कोषाध्यक्ष गिरिराज मौर्य, उप कोषाध्यक्ष दीपमाला ब्लाक अध्यक्ष महादेवी रावत बबीता बघेल सहित पुष्पा तिवारी, ममता ठाकुर, स्वर्णलता व्यास, अनीता पवार, अनीता ठाकुर, सृष्टि जैन, सुनीता, हेमलता राठौर, राजकुमारी मीणा सीता प्रजापति, सुलेखा चौहान, रजनी शर्मा, अनीता परमार के नेतृत्व में प्रदर्शन में शामिल सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी कर रोष प्रकट किया।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कृष्णा परमार ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ लंबे समय से महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित कर सभी शासकीय सुविधाओं का लाभ प्रदान किए जाने, सरकार के द्वारा घोषित 1500 रुपए एरियर्स के साथ भुगतान किया जाने, राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से समन्वय कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया के नियमों में संशोधन किए जाने, मानदेय या मानसेवा की जगह नियमित और सीधी भर्ती की जाने और नियमानवली बनाई जाने सहित कई अन्य मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रही हैं।
जिलाध्यक्ष उषा राठौर ने कहा कि इसी प्रकार महिला बाल विकास के अतिरिक्त किसी भी अन्य कार्य में ड्यूटी न लगाई जाने, महिला एवं बाल विकास विभाग से प्रत्येक मद में प्राप्त राशि और पोषण, खेल, स्वास्थ्य सम्बन्धित सभी सामग्री उनके केन्द्रों पर समय-सीमा में उपलब्ध कराई जाये और विभागीय ऐप पोषण ट्रेकर और सम्पकज् एप को मजज् करके एक ही ऐप से कार्य कराया जाने, आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिये ज्यादा से ज्यादा भवन उपलब्ध कराये जाने,भवन किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं। उनका किराया वर्तमान स्थिति के आधार पर बढ़ाकर प्रदान किया जाने, अन्य विभागों की भांति महिला एवं बालविकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी एक-एक करके कम से कम 15 दिवस का ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रदान किया जाने, इसी प्रकार 10 वर्ष के अनुभव, शिक्षा और वरिष्ठता के आधार पर पर्यवेक्षक पद पर बिना किसी परीक्षा के सीधी भर्ती की जाए। मप्र के बाहर के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका बहने जब तक शासकीय कमज्चारी घोषित नहीं की जाती है तब तक उनका रिटारमेंट नहीं किया जाने सहित अन्य मांगे की जा रही है लेकिन प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका और मिनी कार्यकतार्ओं की मांग को पूरा नही कर रही है। जबतक मांग पूरी नहीं की जाती है प्रदर्शन जारी रहेगा। धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ से जुडी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रही।gr

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