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कर्मचारियों की लंबित मांगों का निराकरण करने मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन

सीहोर। मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ कर्मचारियों की विभिन्न लंबित मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम संघ ने एक ज्ञापन सौंपा है। इस मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह ठाकुर और सचिव ओपी शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ कर्मचारियों की विभिन्न लंबित मांगों को लेकर लगातार ज्ञापन एवं पत्रों के माध्यम से अवगत कर निराकरण का अनुरोध करता आ रहा है। पूर्व में तहसील स्तर, जिला स्तर एवं प्रदेश स्तर पर कर्मचारी प्रतिनिधियों द्वारा ज्ञापन दिए गए, जिसके उपरांत समस्याओं का निराकरण हेतु आश्वासन दिया गया था। परंतु आज दिनांक तक समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया। मांगों का निराकरण ना होने से कर्मचारियों में लगातार रोष व्यक्त हो रहा है। कर्मचारियों की निम्न मांगों का निराकरण शीघ्र करने मांग करता है। इसमें केन्द्र के समान डीए (महंगाई भत्ता) नियत दिनांक से प्रदान किया जाए। गृहभाड़ा भत्ता सातवें वेतनमान में केन्द्रीय कर्मचारी को देय अनुसार प्रदान किया जाए। कर्मचारियों को केशलेस स्वास्थ्य बीमा को प्रारंभ कर कर्मचारियों को इसका लाभ प्रदान किया जाए। नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पूर्व की भांति पेंशन प्रदान किया जाना सुनिश्चित किया जाए। सभी विभागों में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराते हुए नियत समय में अनिवार्य पदवृद्धि की जाए। सामान्य कर्मचारी बीमा की राशि वृद्धि कर क्रमशः 20 लाख, 30 लाख, 40 लाख किया जाए। इसके लिए कटौत्रा में संशोधन किया जाए। अनुकंपा नियुक्ति में सरलीकरण कर लंबित आवेदकों की शीघ्र नियुक्ति प्रदान की जाए। समस्त विभाग की अनुकंपा नियुक्ति को एक पोर्टल संधारित कर रिक्त पदों को दर्शाते हुए आनलाइन कर विभागों में नियुक्ति हेतु पारदर्शी बनाया जाए। अनुकंपा हेतु आवश्यक बीएड/ डीएड हेतु तीन वर्ष की शिथिलता प्रदान की जाए। सीपीसीटी अथवा आवश्यक आहता पूर्ण न होने की दशा में उसे चतुर्थ श्रेणी में नियमित किया जाए। सेवा से पृथक न किया जाए। नवीन शिक्षक संवर्ग (अध्यापक संवर्ग) की शिक्षा विभाग में नियुक्ति दिनांक से क्रमोन्नति पर लगी रोक हटाकर 12 एवं 24 वर्ष की क्रमोन्नति आदेश जारी किए जाए। कर्मचारियों को 35 वर्ष की सेवा में चतुर्थ क्रमोन्नत समान एवं 400 वर्ष में पंचम क्रमोन्नत वेतनमान दिया जाए। नवीन भर्ती में पूर्व की भांति 2 वर्ष की परीवीक्षा अवधि रखते हुए वेतन भुगतान किया जाए तथा 70/80/90 प्रतिशत वेतन प्रदान करना बंद की जाए। शासन के निर्देशानुसार विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को 90 प्रतिशत वेतनमान का लाभ देकर लाभान्वित किया जाए तथा वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर समायोजित कर नियमित किया जाए। 29 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में नियमित संविदा पर कार्यरत कुष्ठ कर्मचारियों एनएम एएनएमएस लिपिकों को विभाग में रिक्त पद पर समायोजित किया जाकर नियमित किया जाए। लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर कर छटवें वेतनमान ग्रेड पे 2400 एवं 2800 की जाए। मंत्रालयीन लिपिकों की भांति प्रदेश के अन्य लिपिकों को सुविधाएं प्रदान की जाए। आदिम जाति एवं स्कूल शिक्षा विभाग में अन्य विभाग की तरह 300 दिन का अर्जित अवकाश प्रदान किए जाए। कार्यभारित कर्मचारियों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह चिकित्सा एवं अर्जित अवकाश की सुविधाएं प्रदान की जाए। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को एवं उद्यानकी विभाग के उद्यान अधिकारियों को सर्वेयर के समान वेतनमान दिया जाए। अन्य विभागों की तरह कृषि विभाग के प्रयोगशाला सहायकों को भी पद नाम परिवर्तित कर प्रयोगशाला तकनीशियन किया जाए। विभिन्न विभागों की वेतन विसंगति का सुधार किया जाए। महिला बाल विकास सुपरवाईजर, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, पटवारी, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ड्रेसर, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं अन्य की वेतन विसंगति दूर की जाए। पंचायत सचिव के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति अन्य विभागों की तरह प्रदान की जाए। 18 पंचायत सचिवों का पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में संविलियन किया जाए। 19 विभिन्न विभागों में कार्यरत स्थाई कर्मियों को विभाग के रिक्त तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमित किया जाने, 1 सितंबर 2016 तक कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी में विनियमतीकरण किया जाए एवं सातवां वेतनमान दिया जाए। निर्माण विभागों में निचले पदों पर कार्यरत डिग्री, डिप्लोमाधारी नियमित एवं कार्यभारित को उपयंत्री के पद पर पदोन्नत किया जाए। माननीय उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा नियमित वेतनभोगी, स्थाई कर्मियों को नियमित किए जाने के आदेश देकर उन्हें नियमित वेतनमान, वार्षिक वेतनवृद्धि व अन्य लाभ प्रदान किए जाए। 30 जून को सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों को जुलाई की एक वेतनवृद्धि प्रदान कर सेवानिवृत्त किया जाए। उक्त निर्णय उच्चतम न्यायालय द्वारा भी दिया गया है। नेत्र चिकित्सा सहायक का पद नाम परिवर्तन कर ऑप्थेल्मिक ऑफिसर किया जाए। ग्राम रोजगार सहायक सहसचिवों का नियमितिकरण किया जाए। लोक निर्माण विभाग में स्थल सहायकों को नियमित स्थापना में शामिल किया जाए एवं नियमित कर्मचारियों की भांति अवकाश सुविधा प्रदान की जाए। मैदानी कर्मचारियों को मुख्यालय पर आवास निर्माण किए जाए। आयुष विभाग के वर्ष 2009 में नियुक्त किए गए सभी कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से नियमितिकरण का लाभ दिया जाए। ज्ञापन देने वालों में मनोज व्यास, कुंदन लाल राय, लखन लाल माहेश्वरी, अरुण जोशी, अभिषेक भार्गव, सुरेन्द्र सिंह यादव, विश्वजीत त्यागी, सतीश त्यागी, संजय सक्सेना, प्रदीप नागिया, संतोष जैन, राय सिंह यादव, दिनेश शर्मा, संतोष शर्मा, अनिल शर्मा सतीश वर्मा, रामस्वरूप गौर, अमिता ऊर्जा हेमलता सिंह सेंगर अनिल शर्मा संतोष जैन संतु बलवीर शाक्य आदि शामिल थे।

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