सीहोर में भी सुलगी मणिपुर की आग: रमेश सक्सेना बोले- लगाया जाए राष्ट्रपति शासन, आदिवासी युवती ने अकेले ही किया आंदोलन
सीहोर। मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार एवं उन्हें निर्वस्त्र करके घुुमाने की घटना की आग मध्यप्रदेश सहित सीहोर जिले में भी सुलग गई है। यहां पर मणिपुर की घटना कोे लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। मणिपुर की घटना को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने कहा है कि मणिपुर राज्य में अशांति फैल रही है। सरकार वहां के हालातों को काबू करने में असमर्थ है। मणिपुर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए। इधर जिले के रेहटी नगर में मणिपुर की आदिवासी युवतियोें कोे न्याय दिलानेे के लिए एक आदिवासी युवती ने मोेर्चा खोला। वह अकेले ही हाथोें में पोेस्टर लेकर न्याय की मांग को लेकर दिनभर खड़ी रही।
मणिपुर में फैल रही अशांति, राज्य सरकार निरंकुश-
पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता रमेश सक्सेना ने मणिपुर राज्य में फैली अशांति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा की नफरत की राजनीति के परिणामस्वरूप आज लोकतंत्र भीड़ तंत्र में बदलता जा रहा है। मणिपुर राज्य में अशांति और हिंसा फैल रही है, लेकिन यहां कि राज्य सरकार स्थिति को काबू करने में अक्षम साबित हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के शीर्ष नेता इस विकराल समस्या को नजरअंदाज कर चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। करीब-करीब दो महीने से मणिपुर अशांत है और जिस प्रकार से यहां महिलाओं के साथ क्रूर घटना सामने आई है, उसने पूरे देश को शर्मशार किया है। मन को विचलित किया है। इस अमानवीय घटना से पूरे देश में आक्रोश है गुस्सा है। हिंसा को रोकने में केन्द्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। यहां की भाजपा सरकार लोगों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है, यहां फैले दंगों में कई जाने जा चुकी हैं। दो महीने से यहां पर अशांति फैली है। केन्द्र सरकार ने समय रहते कोई निर्णय नहीं लिया, जिसका नतीजा है कि यहां के हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं। भाजपा नफरत और बांटने की राजनीति करती है, संवैधानिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ कर भाजपा ने भारतीय संविधान की बुनियाद को चोट पहुंचाई है। मणिपुर सुलग रहा है और क्या कारण है कि अभी तक वहां के सीएम को नहीं हटाया गया है। मैं राष्ट्रपति से मांग करता हूं कि मणिपुर की भाजपा सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
आदिवासी युवती ने अकेले ही खोला मोेर्चा-
मणिपुर में आदिवासी महिलाओें, युवतियों के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर रेहटी निवासी आदिवासी युवती प्राची धुर्वे ने अकेले ही मोेर्चा खोल दिया। रेहटी नगर केे मंडी गेट के सामने वह हाथ में पोस्टर लेकर दिनभर अकेेले ही खड़ी रही। मणिपुर की घटना से व्यथीत होकर प्राची धुर्वेे ने हिम्मत दिखातेे हुए अकेले ही मोर्चा खोल दिया। प्राची धुर्वे ने कहा कि भारत जैसे देश में जहां बेटी को पूजा जाता है, उन्हें साड़ी पहनाई जाती हैै तो वहीं मणिपुर राज्य में आदिवासी युवतियों के साथ दुष्कर्म करके उन्हें निर्वस्त्र करके घुमाया जा रहा है। ऐसी घटना सुनकर ही रूह कांप जाती हैै कि कैसे लोग ऐसा काम कर जातेे हैैं। वह कहती है कि इस घटना ने पूरे देेश को शर्मसार किया है। वह युवतियोें को संदेश देते हुए कहती हैं कि ऐसी घटनाओें की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी युवतियां अपने आपको मजबूत बनाएं, ताकि ऐसे दरिंदों सेे निपटा जा सके।