
आष्टा। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीहोर अमिताभ मिश्र के निर्देशानुसार तहसील विधिक सेवा समिति, आष्टा के अध्यक्ष प्रथम जिला न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे द्वारा न्यायालय प्रांगण आष्टा में मीडियेशन जागरूकता कार्यक्रम एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें सुरेश कुमार चौबे द्वारा बताया गया कि मध्यस्थता भारत में वैकल्पिक विवाद समाधान का एक अंग है, इसलिए यह अनिवार्य रूप से पारंपरिक अदालत प्रणाली से एक बदलाव है। मध्यस्थता में पक्षों के बीच सौहार्द्रपूर्ण समझौते को बढ़ावा देती हैं। मध्यस्थता कानून द्वारा समर्थित है, जिसमें मुकदमेबाजी करने वाले पक्षों को विवाद समाधान के वैकल्पिक तरीकों के लिए संदर्भित करने पर जोर दिया जाता है। मध्यस्थता एक पक्षकार केन्द्रित प्रक्रिया है, क्योंकि यह उनके हितों, जरूरतों और अधिकरों पर केन्द्रित हैं। यह गोपनीय है यह इसलिए पक्षकारों के बीच बेहतर और प्रभावी संचार में सहायता करता है। मध्यस्थता एवं सरल और लचीली प्रक्रिया प्रदान करके विवाद समाधान के लिए अनुकूल है। शिविर का संचालन रिचा सिंह राजावत न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा किया गया। शिविर में अभिभाषक संघ के सचिव भूपेश जामलिया ने अपने विचार रखे। शिविर में पक्षकारगण, अधिवक्ता गण एवं न्यायिक कर्मचारीगण उपस्थित रहे।