लगातार बढ़ रहे मानसिक रोगी, सीहोर में खुल रहा राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान

सीहोर। मानिसक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एक रिपोर्ट में सामनेे आया हैै कि देश में मानसिक रोगियों की तादाद में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सीहोर में तोे देश का एकमात्र मानसिक पुनर्वास संस्थान भी खुल रहा है। मनोचिकित्सक मानसिक रोगियोें के बढ़ने का कारण नींद ना होना और नशे की लत को मान रहे हैं। हर उम्र और वर्ग के लोग इसके शिकार हो रहे हैं।
मनोचिकित्सकों के पास हर दिन बड़ी संख्या में ये मानसिक रोगी पहुंच रहे हैं। मुंबई के सायन के बीएमसी अस्पताल में एक दिन में करीब 300 लोग मानसिक सेहत संबंधित परेशानियों को लेकर पहुंचते हैं। इनमें 30 प्रतिशत नशे के आदी हैं। सायन हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक डॉ सागर कारिया कहते हैं कि ऐसे दिन में 300 मरीज़ आते हैं। इनमें 30 प्रतिशत से अधिक नशा करते हैं। तनाव में तो सभी हैं, लेकिन पर्सनालिटी ट्रेट पर भी निर्भर करता है कि कौन इसके सेवन से कैसा रूप ले ले। हमारे पास समय पर पहुंचे तो इलाज मिल जाता है।
सीहोर मेें खुल रहा मानसिक पुनर्वास संस्थान-
सीहोर जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एनआईएमएचआर) खोले जाने को मंजूरी मिलने के बाद इसका काम भी शुरू कर दिया गया। सीहोर में बनने वाले देश के पहले राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एनआईएमएचआर) के लिए इंदौर-भोपाल हाइवे पर शेरपुर में राजस्व विभाग ने करीब 25 एकड़ जमीन आवंटित की है।
175 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा-
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान का निर्माण हाइवे पर मॉडल स्कूल के पास किया जा रहा है। इससे सीहोर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। पहले तीन साल में संस्था का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 179.54 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें 128.54 करोड़ का गैर आवर्ती व्यय और 51 करोड़ रुपए का आवर्ती व्यय शामिल किया गया है।
हो रहा पाठ्यक्रमों का संचालन-
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान में 9 विभाग हैं। यह विभाग पुनर्वास के क्षेत्र में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, स्नातक, स्नातकोत्तर, एम.फिल डिग्री प्रदान करने के लिए 12 पाठ्यक्रम संचालित कर रहे हैं। इस संस्थान में विभिन्न पाठ्यक्रम में स्टूडेंट्स प्रवेश ले रहे हैैं। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान मानव संसाधन और मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास के शोध के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में कार्य करेगा।