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आस्था एवं भक्ति का सोमवार : निकली कावड़ यात्राएं, शिवालयों में रही धूम

इछावर में शैलेंद्र पटेल, रेहटी में चेतन पटेल एवं सीहोर में पंडित महेश दुबे हुए कावड़ यात्रा में शामिल

सीहोर। पवित्र श्रावण मास में सोमवार का दिन आस्था एवं भक्ति का दिन रहा। श्रावण सोमवार के अवसर पर बुधनी विधानसभा के रेहटी में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष एवं श्री हरि सामाजिक समिति रेहटी के संयोजक चेतन पटेल ने नर्मदा तट आंवलीघाट से टपकेश्वर महादेव मंदिर तक भव्य कावड़ यात्रा निकाली। इछावर विधानसभा में पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल के नेतृत्व में डेहरी घाट से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित मरीह माता मंदिर तक भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई। सीहोर में जिला मुख्यालय के ग्राम मुंगावली में प्रति वर्ष अनुसार परम्परागत रूप से हनुमान, देव मंदिर से कांवड़ यात्रा का प्रारंभ हुई। कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत सदस्य राजू राजपूत ने भी आंवलीघाट से सीहोर के मनकामेश्वर तक कावड़ यात्रा निकाली। इधर सीहोर नगर सहित जिलेभर के शिवालयों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा।
आंवलीघाट से टपकेश्वर तक निकली कावड़ यात्रा-
श्रावण मास के अवसर पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रसिद्ध नर्मदा तट आंवलीघाट से टपकेश्वर तक भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई। कावड़ यात्रा का आयोजन श्रीहरि सामाजिक समिति रेहटी के तत्वावधान में किया गया। इससे पहले बड़ी संख्या में कावड़Þ लेकर शिवभक्त सुबह से ही आंवलीघाट पहुंच गए। यहां पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके मां नर्मदा की आरती की गई। इसके बाद डीजे, ढोल-बाजों के साथ में कावड़ यात्रा की शुरुआत हुई। कावड़ यात्रा भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष चेतन पटेल के नेतृत्व में निकली। इस दौरान जिन गांवों से कावड़ यात्रा गुजरी वहां पर ग्रामीणों ने कावड़ यात्रा का स्वागत करते हुए फूलों की बारिश की। कावड़ यात्रा आंवलीघाट से कई गांवों से होकर टपकेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। यहां पर भगवान टपकेश्वर का नर्मदा जल से जलाभिषेक किया गया और पूजा-अर्चना के बाद फलाहारी खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में शिवभक्त उपस्थित रहे।
बम-बम भोले से गूंज उठा क्षेत्र-
सावन सोमवार को डेहरी घाट से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित मरीह माता मंदिर तक भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई। इस दौरान अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। कांवड़ यात्रा में उमड़े जनसैलाब ने पूरी श्रद्धा और भक्ति से जब भगवान भोलेनाथ के बोल बम के जयकारे लगाए तो इस गगनचुंबी जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। कावड़ यात्रा पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल के नेतृत्व में निकाली गई। भव्य कावड यात्रा सुबह आठ बजे आरंभ हुई, जो शाम चार बजे पहुंची। इस मौके पर पूर्व विधायक श्री पटेल ने बताया कि इस वर्ष अधिक मास और सावन मास महोत्सव को लेकर यह भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई है। डेहरी घाट भगवान शिव भक्तों की आस्था का केन्द्र है और सीहोर जिले से पार्वती जी का उद्गम हुआ है। मरीह माता मंदिर पर भगवान का विधिवत पूजन-अर्चना कर महाआरती की। इसके बाद सभी कावड़ियों ने अपनी कावड़ में भरे जल से शिवलिंग का अभिषेक किया। कावड़ यात्रा समिति द्वारा सभी कावड़ियों एवं शिव भक्तों को प्रसादी भंडारा ग्रहण कराया गया।
धर्मध्वज धारण कर लिया कावड़ यात्रा में भाग-
सीहोर जिला मुख्यालय के ग्राम मुंगावली में प्रतिवर्ष के अनुसार इस बार भी परम्परागत रूप से हनुमान मंदिर देव मंदिर से कावड़ यात्रा का प्रारंभ हुआ। पं.महेश दुबे ने सर्वप्रथम हनुमान मंदिर पहुंचकर भगवान भोले की अराधना कर कावड़ यात्रा में शामिल होकर धर्मध्वज धारण किया और कावड़ यात्रियों का स्वागत किया। कावड़ यात्रा मुंगावली ग्राम में शोभायात्रा के रूप में निकाली गई, जिसका समापन बनिया टेकरी पर शिव मंदिर, हनुमान मंदिर पर विधिवत जलाभिषेक के साथ हुआ।
पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में हुआ 11 लीटर आम के रस से अभिषेक-
सीहोर के अवधपुरी स्थित भगवान पशुपतिनाथ महादेव मंदिर पर इन दिनों अधिक मास और श्रावण सोमवार का महापर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। 60 दिवसीय महोत्सव के अंतर्गत सावन के सातवें सोमवार को पंडित अखिलेश रजोरिया के मार्गदर्शन पर सुबह मंदिर में पार्थिव शिवलिंगों के निर्माण के साथ ही नागराज का विशेष श्रृंगार किया गया। मंदिर परिसर सहित अन्य स्थानों पर महोत्सव के अंतर्गत विशेष सज्जा की गई। इस संबंध में पंडित श्री रजोरिया ने बताया कि विगत कई दिनों से 60 दिवसीय महोत्सव मनाया जा रहा है। श्रावण अधिक मास के सातवें सोमवार के अवसर पर सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना आरंभ कर दी थी, इसके बाद 11 लीटर आम के रस से भगवान शिव का अभिषेक किया गया। इसके बाद हवन किया। एक घंटे तक चले अनुष्ठान में यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं ने दूध, आम के रस, जल, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल और गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक किया। उन्हें बिल्वपत्र, सफेद कमल, लाल कमल, कनेर, शमी पत्र, दूब, कुशा, राई, गुड़हल, धतूरा, भांग और श्रीफल भी चढ़ाया। रुद्राभिषेक अनुष्ठान की शुरूआत भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ हुई।

 

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