देवीलोक से अलौकिक हुआ मां विजयासन धाम, 300 वर्षों का है इतिहास

- सलकनपुर में प्रतिवर्ष आते हैं लाखों की संख्या में श्रद्धालु-भक्त

सुमित शर्मा, सीहोर
सीहोर जिले का तीर्थस्थान मां विजयासन धाम सलकनपुर प्रदेशभर सहित देश-विदेशों में भी प्रसिद्ध है। अब देवीलोक बनने से यह प्रसिद्ध तीर्थ और भी ज्यादा अलौकिक हो गया है। मां विजयासन धाम का 300 वर्षों से अधिक पुराना इतिहास है। कहा जाता है कि मां दुर्गा ने रक्त-बीज का वध करने के बाद यहां पर ही आकर आराम किया था, तभी से यहां पर मां विराजमान है। एक किदवंती यह भी है कि वर्षों पहले सलकनपुर पहाड़ी पर बंजारे आए थे। इसी दौरान उनके मवेशी यहां पर खो गए, तभी एक कन्या ने आकर उन्हें दिशा बताई कि उनके मवेशी वहां गए हैं और इसके बाद वह अचानक से गायब हो गई। कन्या द्वारा बताई दिशा में जाकर देखा तो उन्हें उनके मवेशी मिल गए। इस घटना के बाद यहां पर बंजारों ने मातारानी की स्थापना की और तभी से वे यहां पर विराजमान हैं। सलकनपुर का इतिहास करीब 300 वर्षों से अधिक पुराना है। यह प्रसिद्ध तीर्थ मध्यप्रदेश के अलावा देश-विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यही कारण है कि प्रतिवर्ष नवरात्रि पर बड़ी संख्या में देश-विदेशों से भी श्रद्धालु-भक्त मातारानी के यहां पर ज्यौत प्रकट करवाते हैं। यूं तो सलकनपुर में वर्षभर शुद्ध घी एवं तेल की ज्यौत प्रकट रहती है, लेकिन कई भक्त नवरात्रि में अपनी मनोकामनाओं को लेकर ज्यौत प्रकट करवाते हैं। सलकनपुर मंदिर के प्रमुख महंत प्रभुदयाल शर्मा बताते हैं कि वे वर्षों से मातारानी की सेवा कर रहे हैं। कई बार उन्हें मातारानी के चमत्कार दिखे। वे कहते हैं कि मंदिर का इतिहास बेहद पुराना है और मातारानी को लेकर अलग-अलग बातों का उल्लेख है, लेकिन यहां पर मातारानी के कई चमत्कार हैं। अब सलकनपुर मंदिर को भी देवीलोक बनाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में इसकी शुरूआत की गई थी। देवीलोक का कार्य अभी भी जारी है और देवीलोक के बाद यहां की भव्यता और भी ज्यादा बढ़ गई है। चारों तरफ विकास कार्य कराए गए हैं, श्रद्धालु-भक्तों के लिए कई सुविधाएं दी गईं हैं।
सलकनपुर में मुस्तैद है प्रशासनिक एवं पुलिस अमला, बेहतर चल रहीं व्यवस्थाएं-
शारदीय नवरात्रि पर विजयासन देवी के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का सलकनपुर आगमन हो रहा है। श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना एवं दर्शन में किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए कलेक्टर बालागुरू के. के निर्देशानुसार प्रशासन द्वारा सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त पार्किंग, पेयजल, साफ-सफाई तथा पर्याप्त बिजली की व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के सुगम आगमन एवं निर्गमन के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके साथ ही मेला स्थल पर दुकानों को व्यवस्थित ढंग से लगाया गया है, जिससे किसी प्रकार की असुविधा न हो। ट्रैफिक नियंत्रण के लिए भी पर्याप्त संख्या में पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ कैंप लगाए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को चिकित्सा की आवश्यकता पड़ने पर तत्काल रूप से मेडिकल सहायता प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही इमरजेंसी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में कोई परेशानी न हो, इसके लिए मुख्य स्थानों पर हेल्प डेस्क बनाए गए हैं। इसके साथ ही मंदिर परिसर में कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं, जिससे ड्यूटी के दौरान सभी अधिकारी-कर्मचारी सतत संपर्क में हैं और पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे हैं।

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