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सीहोर जिला पंचायत में आपसी खींचतान, 15वें वित्त की 4 करोड़ की राशि का नहीं हो पा रहा उपयोग

कांग्रेस सदस्यों का आरोप, नहीं लेते उनके प्रस्ताव, आपसी खींचतान के कारण विकास कार्य अटके

सीहोर। सीहोर जिला पंचायत में अध्यक्ष, सदस्योें एवं अन्य जिम्मेेदारों के बीच मची आपसी खींचतान के कारण 15वें वित्त की करीब चार करोड़ रूपए की राशि अटकी हुई है। राशि लेप्स होने की कगार पर है, लेकिन इसका उपयोग अब तक नहीं हो पाया है। इधर जिला पंचायत के कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया है कि जिला पंचायत में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उनके प्रस्ताव स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक सदस्यों के प्रस्तावों को ही यहां पर स्वीकार किया जा रहा है।
सीहोेर जिला पंचायत यूं तो अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा ही चर्चाओें में रही है। कभी यहां के विवाद तो कभी यहां की गड़बड़ियां तोे कभी यहां के चुनावोें को लेकर जिला पंचायत की चर्चाएं सुर्खियों में बनी रही। अब जिला पंचायत में अध्यक्ष गोपाल इंजीनियर एवं सदस्यों की आपसी खींचतान की चर्चाएं होे रही हैं। इस आपसी खींचतान का खामियाजा यहां पर चुनकर आए जनप्रतिनिधि भुगत रहे हैैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर वे बताते हैं कि जिला पंचायत में अध्यक्ष गोपाल इंजीनियर, सदस्योें एवं अन्य जिम्मेदारों की आपसी खींचतान जमकर चल रही है। बताया तोे यह भी जा रहा है कि जिला पंचायत में 15वें वित्त की करीब 4 करोड़ की राशि का उपयोग भी इसी आपसी खींचतान के कारण नहीं हो पा रहा है। इस राशि के उपयोग कोे लेकर जिला पंचायत सदस्योें ने कई बार अपनी बात रखी, लेकिन यहां के जिम्मेेदारों की आपसी खींचतान के कारण न तोे इस राशि का उपयोग हो पा रहा है और न ही सदस्य अपने क्षेत्रोें में कोई विकास कार्य करवा पा रहे हैैं।
विकास कार्यों के लिए होता है राशि का उपयोग-
सरकार द्वारा प्रत्येक वित्त वर्ष में जिला पंचायत को राशि उपलब्ध कराई जाती है। यह राशि जिला पंचायत के सदस्यों के लिए उनके क्षेत्रोें में विभिन्न विकास कार्यों एवं सौैंदर्यीकरण के लिए दी जाती है। इसकेे लिए उनसे प्रस्ताव लिए जाते हैैं एवं प्रस्तावों पर अमल करके उन्हें ये राशियां दी जाती है। यहां पर कांग्रेस सदस्योें का खुला आरोप है कि उनके प्रस्ताव ही जिला पंचायत में स्वीकार नहीं किए जा रहेे हैैं। यहां पर सिर्फ भाजपा समर्थक सदस्यों के प्रस्तावों को ही स्वीकार किया जा रहा है। ऐसे में वे अपने क्षेत्रोें में विकास कार्य, सौंदर्यीकरण के कार्य कैसे कराएं।
इनका कहना है-
15वें वित्त की राशि का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाएगा। राशि लेप्स होने जैसी कोई बात नहीं हैै। सभी ग्राम पंचायतोें में राशि दी जाएगी। जिला पंचायत के सभी सदस्य एक परिवार की तरह हैं औैर किसी के साथ भी कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। यहां पर सभी के प्रस्ताव स्वीकार किए जातेे हैैं।
– गोपाल सिंह इंजीनियर, अध्यक्ष, जिला पंचायत, सीहोर
15वें वित्त की राशि को लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है। जल्द ही कार्ययोजना बनाकर राशि का उपयोग किया जाएगा। राशि लेप्स होने जैसी कोई बात नहीं है।
– आशीष तिवारी, सीईओ, जिला पंचायत, सीहोर
हम जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। जनता से विकास का वादा किया है, लेकिन जिला पंचायत में कांग्रेस सदस्यों के प्रस्ताव ही नहीं स्वीकार किए जा रहे हैं। वहां पर सिर्फ भाजपा सदस्यों केे प्रस्तावोें पर ही अमल होे रहा है। ये हमारे अधिकारों का हनन है।
– राजू राजपूत, जिला पंचायत सदस्य, कांग्रेस
आपसी खींचतान के कारण 15वें वित्त के करीब 4 करोड़ रूपयों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। अब ये राशि लेप्स होने की कगार है। जिला पंचायत में कांग्रेस सदस्यों के साथ भेेदभावपूर्ण बर्ताव किया जा रहा है। यह उचित नहीं है। हम हमारे क्षेत्रोें मेें विकास कार्य, सौंदर्यीकरण नहीं करवा पा रहे हैैं।
– कमलेश पटेल, जिला पंचायत सदस्य, कांग्रेस

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